How Sound Travels in Hindi में पढ़ें आवाज़ कैसे इधर उधर जाती है ।
हम अपने कानों से जो भी बात सुनते हैं उसे ध्वनि कहा जाता है, साइंस के हिसाब से बात करें तो ध्वनी या साउंड वो डिस्टरबेंस है जो हमारे कानों में सेंसेशन पैदा करती है । हीट और लाइट की तरह साउंड भी एनर्जी का एक प्रकार है ।
किसी भी चीज से साउंड तब पैदा होती है जब उसके किसी भाग में कंपन होता है, जब हम किसी घंटे पर चोट पहुंचाते हैं तो उसमें कंपन होता है जिसकी वजह से वहां से ध्वनि पैदा होती है, अगर हम ऐसे में घंटे को हाथ से छू कर देखें तो उसमें हम कंपन को महसूस कर सकते हैं। इंसान जब मुंह से आवाज निकालता है तो उसके गले में होने वाली झिल्ली में कंपन पैदा होता है जिसकी वजह से वहां से ध्वनि उत्पन्न होती है ।
जब किसी वस्तु में कंपन होता है तो उसमें साउंड वेव्स पैदा होती हैं जैसे अगर हम तालाब में पानी में पत्थर का टुकड़ा फेंकें तो वहां पर पानी की सतह पर तरंगें पैदा हो जाती हैं उसी प्रकार कंपन की वजह से waves पैदा होती हैं और यह वह जब हमारे कानों तक पहुंची है तो हमें आवाज सुनाई देती है। हमारे कान उन आवाजों को सुन सकते हैं जिनकी Frequency 20 से 20,000 तक होती है I 20 से कम और 20 हज़ार से ज्यादा Frequency वाले vibrations के लिए हमारे कान सेंसिटिव नहीं हैं ।
साउंड एक जगह से दूसरी जगह Waves की Form में चलती हैं और इन Waves को चलने के लिए किसी मध्यम की ज़रूरत होती है जैसे Solid, Liquid या Gas, बिना मध्यम के ये Waves Vaccum में नहीं चल सकती।
Sound Production तीन चीज़ों पर निर्भर करता है , पहला साउंड पैदा करने के लिए किसी भी चीज़ का कम्पन या Vibrate होना जरूरी है , दूसरा ये Waves की Form में चलती हैं और तीसरा इसके लिए किसी माध्यम की ज़रुरत होती है ।
दोस्तों कैसी लगी आपको How Sound Travels in Hindi
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