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गुल्लक मिटटी की- Hindi Kahani | Emotional Family Story in Hindi

Emotional Family Story in Hindi

Emotional Family Story in Hindi
Emotional Family Story in Hindi

Emotional Family Story in Hindi में पढ़ें जीवन की सचाई ।

मदद के लिए उस आखरी family मेम्बर के पास यानि उस मिटटी की गुल्लक पर और धम्म सी आवाज़ आई !!

हर किसी के घर में गुल्लक की एक ख़ास जगह होती है और खासकर जब बात होती है MIDDLE CLASS की तो गुल्लक एक family मेम्बर की तरह होती है । शर्मा जी की मिडिल क्लास family में वो, उनकी पत्नी और दो बेटे बहुत सुकून से रहते थे और साथ में रहती थी मिटटी की गुल्लक जो साथी थी उनके परिवार के हर सुख दुःख की I शर्मा जी एक सरकारी दफ्तर में काम करते थे और उनकी पत्नी घर संभालती थी, बड़ा बेटा सिविल सर्विसेज की तैय्यरी कर रहा था और छोटा बेटा कॉलेज में था, दोनों की एक दूसरे में जान बसती थी लेकिन जब बात अपनी चीज़ की आती थी तो दोनों बहुत लड़ते थे ।

दोनों बच्चों में माँ बाप का डर भी था और शर्म भी, राहुल घर में ही रह कर पढाई करता था और अजय कॉलेज में दोस्तों के साथ खूब मस्ती करता था, जब कभी अजय को कोई भी प्रोजेक्ट बनाने को मिलता था तो वो राहुल की मदद लेता था क्यूँकि उसकी ड्राइंग बहुत अच्छी थी I राहुल को जब भी बाज़ार से कुछ मंगवाना होता था तो वो अजय को बोलता था । मम्मी को जब भी मार्किट का काम होता था तो दोनों खुश होकर किया करते थे क्यूँकि सामान के बाद बचे हुए पैसे में से दोनों की खर्ची बन जाती और आखिर के पैसे जाते थे उस मिटटी की गुल्लक में!

राहुल आते जाते गुल्लक में पैसे जोड़ा करता था, एक दिन रक्षा बंधन पर जब उसकी बुआ और फूफा जी ने आना था तो अचानक से उसकी मम्मी की तबियत खराब हो गयी और वो चक्कर खा कर गिर गयीं । घर में किसी को कुछ समझ नहीं आ रहा था, सब उन्हें हॉस्पिटल लेकर भागे और जब हॉस्पिटल से वापिस आये तो मम्मी यानि Mrs. Sharma जब आराम कर रही थी तो उन्होंने राहुल को मुंह लटका कर बैठे हुए देखा तो पूछा कि क्या बात है ?

राहुल ने बताया की वो सोच रहा था शायद उसकी वजह से मम्मी टेंशन में हैं और उनका B.P. बढ़ गया है, तब उन्होंने बोला कि ऐसा कुछ नहीं है तो राहुल खुश हो गया इतने में पड़ोस की रंजन आंटी आ गयीं उनकी तबियत पूछने तो उन्होंने Mrs. Sharma को वो सूट दिया जो उन्होंने रक्षा बंधन पर अपनी ननद को देने के लिया उनसे मंगवाया था ।

Emotional Family Story in Hindi
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सूट बहुत ही सुन्दर था और साथ में उसकी कीमत भी, अब शर्मा जी के पास देने के लिए पैसे नहीं थे और वो बोले कि इलाज में पैसे खर्च हो गए तो अजय ने तुरंत कहा मैं अभी लाता हूँ पैसे और दोनों भाई लपके मदद के लिए उस आखरी family मेम्बर के पास यानि उस मिटटी की गुल्लक पर और धम्म सी आवाज़ आई, तभी शर्मा जी ने भरी आँखों के साथ अपनी पत्नी को देखा और समझ गए कि बुआ के सूट की कीमत आज कौन चुका रहा है ।

दोस्तों कैसी लगी आपको Emotional Family Story in Hindi

सुनें खुश कैसे रहें https://www.youtube.com/watch?v=B3aw1WQxgc8&t=68s

Written by Geetanjli Dua