Family love story in hindi में पढ़ें बच्चे क्या सोचते हैं माता पिता के बारे में ?
ये मेसेज हर माँ के लिए है !!
लता के घर साहिल की बर्थडे पार्टी में लगभग सारी माओं को guilty फील करना पड़ा पर इससे उन्हें एक सबक भी मिला कि बच्चे जब तक छोटे हैं उन्हें कोई मतलब नहीं है कि आप multitasking हैं या superwomen उन्हें हमेशा से एक अच्छे दोस्त की ज़रूरत होती है जो कभी कभी उनका क्राइम पार्टनर भी बने ।
लता ने पार्टी में अपनी एक दोस्त( श्वेता) को बुला रखा था जो बहुत ही स्मार्ट थी और पार्टीज होस्ट करती थी और उसने वहां पर एक गेम रखा जिसमे बहुत सारी पज़ल्स थी और 5 winners announce होने थे जिन्हें आखिर में जो भी सवाल पूछा जाए उसका जवाब देना था।
जब तक गेम्स चल रहे थे पार्टी बहुत मजेदार थी लेकिन आखिर में जब बच्चों से पूछा गया कि उन्हें ज्यादा कौन पसंद है मम्मी या पापा तो सारे के सारे बच्चों का answer पापा था जो वहां मौजूद किसी भी माँ को हज़म नहीं हो रहा था। श्वेता ने माहोल को सँभालते हुए इसका कारण जानने की कोशिश की तो हर माँ को विश्वास हो गया कि इतनी सारी जिम्मेदारियां निभाने के बाद भी इस रेस में पापा कैसे बाज़ी मार गए।
श्वेता के सवाल करने पर बच्चों ने बताया :
- पापा जब घर आते हैं तो पूरे तरीके से हमारे साथ involve हो जाते हैं चाहे वो कितने थके हुए क्यूँ न हों ।
- पापा हमारे साथ हमारे फेवरेट गेम्स भी खेलते हैं और उन्हें कोई जल्दी नहीं होती कोई दूसरा काम निपटाने की।
- सुबह जल्दी उठाना, रात को जल्दी सोना और पढना जैसे disciplines से पापा कोसों दूर हैं तो वो हमें अपने फ्रेंड जैसे लगते हैं और वो हमारे लिए कुछ न कुछ लाते हैं।
- जब हम कोई भी बात करते हैं तो पापा हमें बिना किसी distraction के सुनते भी हैं और बात भी करते हैं।
मम्मी:
- जब हम मम्मी से कुछ बात करते हैं तो वो 50% हमारे साथ होती हैं और आधा ध्यान kitchen में आ रही कुकर की सिटी पर और आधा ध्यान वाशिंग मशीन पर होता है ।
- मम्मी हमेशा डिसिप्लिन की बातें करती हैं और हमारी फेवरेट गेम्स भी नहीं खेलती।
- मम्मी अगर पार्क भी जाती हैं तो उन्हें घर आकर डिनर की तैयारी करने की जल्दी होती है या अपनी किसी सहेली से बातों में बिजी रहती हैं, वह पापा की तरह हमें राइड्स एन्जॉय नहीं करवाती ।
- मम्मी को खेलने के बाद घर समेटने की ज्यादा चिंता होती है ।
ये मेसेज हर माँ के लिए है कि भले ही आप एक समय पर हजारों responsibility निभा सकती हैं जो एक पिता चाहकर भी नहीं कर सकता जैसे बच्चा होने पर रात की नींद गवाना, अपना बॉडी का शेप ख़राब करना, सबका ख्याल रखना वगैरह वगैरह लेकिन जब आप अपने बच्चों के साथ हैं तो ये ज़रूरी नहीं कि आपकी हर बात उनकी पढाई से ही जुड़ी हो । ये बिलकुल ज़रूरी नहीं कि वो हर वक़्त स्मार्ट दिखें और हर काम सही करें बस ज़रूरी है कि आप उनके साथ जब हों तो उनके जैसे बन जाईये बिलकुल एक पिता की तरह ।
दोस्तों कैसी लगी आपको Family love story in hindi