Emotional Story in Hindi में पढ़ें एक परिवार का त्याग गरीब औरत के परिवार के लिए ।
exceptions are always there
जब जब लछमी के बारे में सोचती हूँ मन करता है उसकी झोली में हर वो सुख डाल दूं जिसकी वो हक़दार है, जी हाँ मैं बात कर रही हूँ अपनी कामवाली बाई की। आजतक लोगों को उनकी बुराई करते सुना है पर आज उनके बारे में कुछ अच्छा करने का मन करता है क्यूँकि “exceptions are always there”. बहुत ही शरीफ है और कम उम्र में ही तीन बच्चों की मान भी बन गयी है, छुट्टी लेने से पहले सबसे permission लेती है तब छुट्टी करती है ।
एक दिन बच्चों ने जिद की कि आज तो हम पिज़्ज़ा ही खायेंगे, अब पिज़्ज़ा आया है तो कोल्ड ड्रिंक भी साथ ही आएगी तो पतिदेव ने झट से आर्डर कर दिया और 800 rs का सामान आया जो झट से ख़त्म, सुबह लछमी आई सफाई करने के लिए तो पिज़्ज़ा के डिब्बे को बड़ी आस से देखने लगी और मुझे देखते ही फिर से काम पर लग गयी । हम लोग अक्सर ये सोचते हैं कि ये लालची होती हैं इसलिए खाने पीने के सामान पर नज़र रखती हैं लेकिन ऐसा नहीं है कई बार इन्हें भी कुछ आस होती है, इनका भी कुछ मन करता है आखिर होती तो ये भी इंसान ही हैं ।
आज सुबह से ही वो कुछ चुप चाप सी थी तो मैंने पूछ लिया कि क्या बात है तो उसने बताय कि बेटी के लड़के को देखने जाना है वो एक साल का हो गया है तो पुरानी साइकिल पता की है 800 rs की है लेकिन बाकी सामान में ही इतना खर्चा हो गया कि पैसे ही नहीं बचे ।मेरे सामने वो पिज़्ज़ा के स्लाइस घूमने लगे जो 800 rs खर्च करने के बाद मिनटों में ख़त्म हो गए और वहीँ एक पुरानी साइकिल जो शायद 2-3 साल तक उस बच्चे को खुशियाँ दे सकती थी इतनी महंगी हो गयी ।
मैंने घर में सब से बात की और जो मूवी देखने जाने का प्लान था वो कैंसिल किया और सबकी रजामंदी से लछमी को 800 rs दिए साइकिल खरीदने के लिए, उसकी ख़ुशी देखने लायक थी और जितनी दुआएं उसने दीं शायद वो मुझे अपना कर्ज़दार बना गयी।
दोस्तों कैसी लगी आपको Emotional Story in Hindi
सुनें पैसे की क्या अहमियत है https://www.youtube.com/watch?v=W7DcMQxRqEM