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परिवार- सबसे बड़ा वार, सबसे बड़ा त्यौहार | Family Hindi Story

Emotional Family Story in Hindi

Emotional Family Story in Hindi
Emotional Family Story in Hindi

दोस्तों मैंने लोगों को कहते सुना है कि परिवार किसी भी इंसान की सबसे बड़ी ताकत होती है, इसपर बचपन में हमने कई कहानियाँ भी सुनी हैं जो हमारे माता पिता हमें सुनाया करते थे जैसे लकड़ियों के बंडल को तोडना मुश्किल है पर एक लकड़ी को तोडना आसान है I

वास्तव में परिवार सच में किसी भी इंसान की सबसे बड़ी ताकत होता है I जब हम परिवार में होते हैं तो खुद को सुरक्षित महसूस करते हैं और blessed feel करते हैं वहीँ आजकल बड़ते हुए nuclear family के चलन में लोग खुद को अकेला और कमजोर महसूस करते हैं I

आज हम बात करेंगे राजू की जो एक बहुत ही आज़ाद ख्यालों का लड़का है पर गरीब परिवार में जन्म लेने की वजह से उसे अपनी इच्छाओं पर लगाम लगनी पड़ती है Iराजू गरीब परिवार का बच्चा है और घर में उसकी बड़ी बहन है, माँ है और पिताजी हैं I राजू की माँ लोगों के घर में बर्तन मांजती है और उसके पिताजी रिक्शा चलते हैं I गरीब होने के बावजूद उन लोगों ने कभी राजू और उसकी बहन को पड़ने से  नहीं रोका बल्कि उन्हें हमेशा प्रोत्साहित किया I राजू की बहन सुबह कॉलेज जाती थी और शाम को 4-5घंटे कहीं नौकरी किया करती थी जिसकी वजह से घर में थोड़ी आर्थिक मदद हो जाती थी I एक दिन राजू बिना खाना खाए एग्जाम देने जा रहा था तो उसकी माँ ने उसकी बहुत मिन्नतें की, कि वह खाना खाए बिना न जाए पर राजू के सर पर तो भूत सवार था सेकंड हैण्ड स्कूटर लेने का और उसने अपनी माँ को एक ही बात बोली कि आज एग्जाम ख़तम होने के बाद मैंने अपने दोस्त को बुलाया है, वह सेकंड हैण्ड स्कूटर लाएगा और मैं उससे वह ले लूँगा आप दीदी को पैसे लेकर भेज देना I

राजू की माँ ने उसे बहुत समझाया कि उसके पापा उसे नया स्कूटर दिलवाने वाले थे लकिन एक्सीडेंट की वजह से नहीं दिलवा पाए क्यूंकि उसमे काफी पैसे लग गए Iखैर राजू को उस समय ये कुछ समझ नहीं आने वाला था, क्यूंकि उसने स्कूटर लेने का फैसला कर लिया था Iराजू ने अभी अभी 10वी के बोर्ड exam दिए थे और आज एक extra एग्जाम थे जो विनोद सर लेते थे जिसे कोई भी बच्चा miss नहीं करता था I इस exam में वह जीवन की गणित से जुड़े कुछ सवाल पूछते थे और बच्चों को इसे solve करने में बड़ा मज़ा आता था I

राजू घर से माँ को यह कहकर निकल गया कि अगर शाम को दीदी पैसे लेकर नहीं आई तो मैं घर वापिस नहीं आऊंगा Iमाँ और बहन को अब चिंता होने लगी थी I राजू चला गया और पेपर देने लगा I

Emotional Family Story in Hindi
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पहला प्रश्न था की आपके परिवार में जितने भी लोग हैं वह सब कितने घंटे काम करते हो ?

राजू ने लिखने की शुरुवात की, पापा तो रिक्शा चलते है तो सुबह 6 बजे चाबी लेकर निकल जाते हैं और रात को 1बजे आते हैं तो पापा के working hours हुए तकरीबन 15घंटे , और माँ सुबह 4 बजे उठती है सबका खाना बनती है और सारे घर का काम करके लोगों के घर काम करने जाती है और फिर आकर सारा काम निपटाकर शाम को कुछ सिलाई का काम करती है तो तकरीबन 11 बज जाते हैं उसे सोते हुए तो 18-19 घंटे काम करती है I

दीदी सुबह 7 बजे कॉलेज जाती है और दोपहर को दो बजे आकर खाना खा कर नौकरी पर जाती है तो फिर 7 बजे लौटती है तो तकरीबन 10-12 घंटे काम करती है , वहीँ मैं सुबह कॉलेज जाता हूँ  दोपहर को वापिस आकर खाना खाकर सो जाता हूँ शाम को उठकर दोस्तों के साथ चला जाता हूँ और रात को आकर पढाई करके खाना खाकर सो जाता हूँ तो तकरीबन 7-8 घंटे काम करता हूँ I यह सब लिखते लिखते राजू को एहसास हो रहा था कि कहीं न कहीं वह घर में सबसे कम काम करता था I

दूसरा प्रश्न था- घर में आने वाली इनकम, तो राजू ने लिख दिया कि पापा 10 हज़ार लेकर आते हैं और माँ और बहन की मिलकर 5हज़ार तो कुल income हुई 15हज़ार रुपये I

तीसरा प्रश्न था कि सबसे अच्छा मोबाइल रिचार्ज plan और टीवी पर आने वाले अपने favoriteserial के बारे में और राजू ने इसके बारे में खूब लिखा I

चौथा प्रश्न था कि फिलहाल चल रहे प्याज, टमाटर और गेहूं का दाम लिखो , राजू इसके बारे में लिख ही न पाया क्यूंकि उसको इसके बारे में पता नहीं था तो उसने यह प्रश्न छोड़ दिया I बहुत सारे सवाल थे जिनका उत्तर राजू को नहीं पता था पर सारे सवाल राजू के मन को टटोल रहे थे I

एक प्रश्न ने राजू को हिला कर रख दिया था वह ये था कि क्या आपका परिणाम अच्छा आता है या आपके बुरे परिणाम पर आपके माता पिता आपको टोकते रहते हैं ?

राजू को अब जीवन का गणित समझ आ गया था और उसे पता चल चूका था कि यह पेपर कहीं न कहीं उसे जीवन की सच्चाई और परिवार की ताकत समझाने के लिए ही था I राजू के आंसू निकल आये थे क्यूंकि उसका परिणाम कभी अच्छा नहीं आता था लेकिन इसके लिए उसके माता पिता कभी उसे टोकते नहीं थे बल्कि प्रोत्साहित करते थे I राजू से अब रहा नहीं गया और वह रोता हुआ बाहर आया तो देखा सामने बहन हाथों में पैसे लिए खड़ी थी I

राजू के आते ही वह बोली कि ये ले 9 हज़ार रुपये और माँ ने कहा है कि तू अपनी पसंद का स्कूटर अपने दोस्त से लेकर घर आ जा I राजू ने बहन से पूछा कि वह इतने पैसे कहाँ से लायी तो उसने बताया कि वह जहाँ नौकरी करती है वहां से अगले महीने की तनख्वाह उधार ले ली है I राजू ने वह पैसे लिए और दूर उसका दोस्त जो स्कूटर लेकर उसका इंतज़ार कर रहा था, उसके पास जाकर बोला के sorry yaar मैं ये स्कूटर नहीं ले पाऊंगा I

जब राजू बहन के साथ घर वापिस लौटा तो देखा कि उसके पापा की तबियत कुछ ख़राब थी और वह आराम कर रहे थे I राजू ने आते ही रिक्शाव की चाबी उठायी और माँ को कहा कि आज मेरी पसंद का बैंगन का भरता बनाना रात के खाने में, आखिर मेहनत की कमाई का खाना खाऊंगा आज I

Written by Geetanjli Dua