मिश्रा जी एक बहुत बड़े मंदिर के पुजारी थेI लोग उनका बहुत सम्मान करते थे और उनकी हर बात मानते थेI मिश्रा जी की एक बेटी थी जो बहुत ही गुनी और सुशील थीI एक दिन मंदिर में बहुत बड़ी पूजा का आयोजन किया गयाI सारा अरेंजमेंट पंडित जी ही कर रहे थे और उन्हें लगा कि शायद मैं जल्दी फ्री हो जाऊँगा और घर जाने में देर नहीं होगी लेकिन पूजा काफी लम्बी हो गयी तो उन्होंने सोचा कि घर पर खबर कर देता हूँ वर्ना पूजा बेटी परेशान होगीI
उन्होंने घर के landline नंबर पर फ़ोन लगाया तो किसी ने फ़ोन नहीं उठाया, जब पूरी बेल जाने के बाद भी फ़ोन नहीं उठा तो उन्होंने सोचा कि थोड़ी देर में फिर try करूँगा और वह पूजा करने बैठ गए , थोड़ी देर बाद उन्होंने फिर landline पर कॉल किया तो इस बार पूजा बिटिया ने तुरंत फ़ोन उठा लियाI
पंडित जी ने पूछा कि पहले पूरी बेल जाने पर फ़ोन क्यूँ नहीं उठाया था तो पूजा बोली कि पिताजी पहले कोई फ़ोन आया ही नहीं थाI पंडित जी को बड़ा अचम्भा हुआ परन्तु उन्होंने बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि आज उन्हें मंदिर से आने में कुछ देरी हो सकती है और फ़ोन रख दिया और पूजा में फिर से बैठ गएI
अगले दिन उनके पास एक कॉल आया और सामने वाले ने पूछा की कल रात को इस नंबर से मुझे किसने कॉल किया था ? पंडित जी ने बोला भाई मैं तो तुम्हे जानता नहीं, इसलिए मैंने कॉल नहीं किया थाI उस आदमी ने बताया कि मेरे landline नंबर पर किसी का कॉल आया था पर मैंने उठाया नहीं था, तब पंडित जी को सारी बात समझ आ गयी कि उस दिन जो पहले फ़ोन मिला था वह घर पर न मिलकर इस शख्स के पास मिल गया थाI पंडित जी ने उससे माफ़ी मांगी कि भाई शायद वह फ़ोन गलती से मिल गया था मैं तो अपने घर फ़ोन मिला रहा था, तब उस शख्स ने जो बात बतायी वह सुनकर पंडित जी की आँखें नाम हो गयी और उन्हें अपने प्रभु की लीला समझ आ गयीI
उस शख्स ने पंडित जी से कहा कि आपको माफ़ी मांगने की जरुरत नहीं है क्यूंकि आप नहीं जानते कि मैं उस समय क्या कर रहा थाI उस आदमी का नाम रंजन था, उसने पंडित जी को बताया की वह बहुत समय से जॉब तलाश रहा था लेकिन उसे कहीं नौकरी नहीं मिल रही थीI पैसे की तंगी की वजह से घर चलाना बहुत मुश्किल हो रहा थाI धीरे धीरे सब उससे किनारा करते जा रहे थे और दोस्त उसका मज़ाक उड़ाते थेI जीवन से हताश होकर उसने अपनी जान लेने के बारे में सोचा और वह अपनी जान लेने ही वाला था कि उसने आखरी बार भगवान् को कहा कि अगर तुम्हे लगता है कि मुझे अपनी जान नहीं लेनी चाहिए तो मुझे कोई इशारा दो, तभी आपका फ़ोन बजा और मैं जैसे ही फ़ोन उठाने गया फ़ोन कट गयाI
फ़ोन तो कट गया लेकिन true कॉलर पर लिखा था” सबका मालिक एक है “I मुझे समझ आ गया था कि ये उसी प्रभु का इशारा है, और इसीलिए मैंने आज आपको शुक्रिया कहने के लिए फ़ोन किया हैI
दोस्तों कई बार हम जीवन में आने वाली कठिनाइयों से परेशान होकर ये भूल जाते हैं कि ये मुश्किलें जीवन के design का एक हिस्सा है और हमें जिसने ये परेशानियां दी है वो ही हमें इन से निकलने का रास्ता बताता है बस ज़रुरत है तो थोड़े विश्वास और सब्र कीI