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वृधाश्रम अनाथ आश्रम के पास ही क्यूँ ?| Short Stories on Old Age in Hindi

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Short Stories on Old Age in Hindi में पढ़ें कैसे बुज़ुर्गों को बच्चों के प्यार की ज़रुरत होती है।

उनकी पत्नी को आज अपने सवाल का जवाब मिल गया कि अनाथ आश्रम और वृद्ध आश्रम एक साथ बनाने की क्या ज़रुरत है ?

Mr. Mittal एक बहुत बड़ी मिल के मालिक थे और उनकी family बहुत अच्छी थी और लन्दन में सेटल्ड थी । उनका कारोबार देश विदेश में फैला हुआ था और इस सिलसिले में उन्हें लन्दन से अक्सर इंडिया आना जाना पड़ता था, इसी बीच वो अपने पुराने दोस्त से ज़रूर मिलते थे ।

पिछली बार जब वो इंडिया आये थे तो श्याम बाबू जो उनके बंगाली दोस्त थे उनसे मिलने के लिए उनके घर गए तो उनके घर ताला लगा हुआ था और काफी दिनों से उनका फ़ोन भी नहीं लग रहा था, जब पड़ोसियों से बात हुई तो पता चला कि उनकी पूरी family कहीं से घूम कर आ रही थी तो रास्ते में accident में सब मारे गए बस घर के दो छोटे बच्चे बचे थे जिन्हें आखिर में अनाथ आश्रम में डाल दिया गया ।

Mr. Mittal को ये जानकार बहुत दुःख हुआ और उन्होंने उसके अनाथ आश्रम का पता लिया और ड्राईवर को गाड़ी उधर मोड़ने को कह दिया। रास्ते भर वो यही सोचते गए कि किस तरह श्याम बाबू अपने पोते के लिए सबसे छुपाकर जलेबी ले जाते थे और एक बार उन्होंने उससे मिलवाया भी था तो उसने पूरा राष्ट्रगान एक लय में सुना दिया था ।

गाड़ी जब अनाथ आश्रम के बाहर रुकी तो वहां एक मिठाई की दूकान से उन्होंने जलेबी ली और अन्दर रोहन(श्याम बाबु के पोते ) से मिलने गए, उदास चेहरा, आँखों में डर, कमज़ोर शरीर…पहचान ही नहीं पाए रोहन को , एकदम गुमसुम हो गया था वो, जलेबी भी उसके चेहरे पर वो रौनक नहीं ला सकी । उसी समय मित्तल जी वहां से गए और अपने दुसरे दोस्त Rustam जी से मिले जो काफी समय से वृधाश्रम में रहते थे और उन्हें सारी बात बताई और अपना मन हल्का किया। रुस्तम जी की एक बात ने उन्हें हिला कर रख दिया की ऊपर वाला भी अजीब है हमें बच्चों का सुख नहीं देता और अनाथ से माँ बाप का सुख छीन लेता है ।

ये बात सुनते ही मित्तल जी ने फैसला ले लिया कि चाहे कुछ भी हो जाए वो एक अनाथ आश्रम और वृद्ध आश्रम खोलेंगे और वो भी साथ साथ।

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उन्होंने सुमित( अपने बेटे ) को अपने मन की बात बताई और उसे तुरंत लन्दन से इंडिया बुला लिया और सारी formalities करने के बाद दोनों आश्रम साथ साथ बना दिए और अपने दोस्त को और रोहन को उसमें शिफ्ट करवा दिया, देखते ही देखते रोहन को वो प्यार वापिस मिल गया और जब वो रोहन से दोबारा मिले अपने आश्रम में गए तो रोहन ने पूछा – दादू आज आप जलेबी नहीं लाये ? ये सुनते ही उनकी और उनकी पत्नी सुलोचना की आँखों में आंसूं आ गए और उनकी पत्नी को आज अपने सवाल का जवाब मिल गया कि अनाथ आश्रम और वृद्ध आश्रम एक साथ बनाने की क्या ज़रुरत है ?

दोस्तों कैसी लगी आपको Short Stories on Old Age in Hindi

लोगों को समझाने की कोशिश ना करें क्यूंकि कुछ लोगों को समझाया नहीं जा सकता https://www.youtube.com/watch?v=8Zd10Biq1YM

Written by Geetanjli Dua