Emotional Story of Parents in Hindi में पढ़ें कैसे बड़े लोग मजबूर हो जाते हैं अपने बच्चों से मिलने के लिए कुछ कारणों की वजह से!
साहब हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, प्लीज मान जाईये, बेटी के घर जा रहे हैं लल्ला को देखने पहली बार, अगर आपको पैसे दे दिए तो वहां क्या देंगे।
बहुत खुश थे दोनों पति पत्नी आखिर बेटी के बच्चे को पहली बार मिलने जो जा रहे थे, पर कभी सोचा नहीं था कि जिनकी अलमारियां भरी रहती थी नोटों से आज अपने ही घर के बच्चे की पहली झलक पाने के लिए उनकी जेब में इतने भी पैसे नहीं होंगे कि उसके लिए ढंग के कपडे तक खरीद सके पर फिर भी खुद को उससे मिलने से रोक नहीं पाए और स्टेशन जा पहुंचे ।
रिया मेडिकल की स्टूडेंट थी और आज अपने माँ बाउजी से मिलकर वापिस कॉलेज जा रही थी जो दुसरे शहर में था । रिया ने कानों में EAR फ़ोन लगाये हुए थे और खिड़की से बाहर की ओर देख रही थी । तभी उसने देखा दो बुज़ुर्ग पति पत्नी गेट से चढ़े और वहीँ बैठ गए, थोड़ी देर में TT आया और टिकेट दिखाने को बोलने लगा तभी उस बुज़ुर्ग आदमी ने कहा, साहब बहुत भीड़ थी सामान और बीवी के साथ general बोगी में चढ़ नहीं पाया अगला स्टेशन आते ही उतर जाऊंगा और चढ़ जाऊंगा general बोगी में टिकेट है मेरे पास, TT ने कहा ऐसे नहीं होता पैसे दो टिकेट काटता हूँ ।
उसकी बीवी बोली साहब हमारे पास इतने पैसे नहीं हैं, प्लीज मान जाईये, बेटी के घर जा रहे हैं लल्ला को देखने पहली बार, अगर आपको पैसे दे दिए तो वहां क्या देंगे । T T ने कहा मुझे नहीं पता क्या करोगे, तब उन अंकल जी ने आंटी को चुप रहने का इशारा किया और T T की तरफ 250 रुपये बड़ा दिए, देखते ही T T बोला ये क्या कर रहे हो 250 रूपये से क्या होगा पूरे 500 रूपये लगेंगे और अंकल जी ने पैसे निकल कर ऐसे दे दिए जैसे किसी से कोई उसकी संपत्ति छीन रहा हो।
रिया को बहुत बुरा लगा पर वो उनको जानती नहीं थी इसलिए चुप रही, TT के जाते ही आंटी बोलीं अब बेटी के घर क्या देंगे तो अंकल बोले कोई बात नहीं जो हम लल्ला को अलग अलग देने वाले थे अब मिलकर दे देंगे और गुड़िया के घर पैदल ही चले जायेंगे ।
ये सब नज़ारा एक आंटी भी देख रहीं थीं । उनसे रहा नहीं गया और वो बोलीं कि बहनजी आप लोग बहुत परेशान लगते हो क्या बात है तब आंटी ने उन आंटी को सारी बात बताई कि वो पहले बहुत बड़े बिज़नस के मालिक थे लेकिन उसमे उन्हें घाटा हो गया और आज ये नौबत आ गयी कि इकलोती बेटी के घर जब बेटा हुआ तो उसको देने के लिए हमारे पास पैसे नहीं हैं । उन्होंने आंटी को बोला कि फिर आप बेटी को इतनी परेशानी उठाकर क्यूँ मिलने जा रहे हो उसे ही मिलने के लिए बुला लिया होता तो वो बोली असल में हमने गुड़िया को कुछ नहीं बता रखा वर्ना वो वहां बैठी चिंता करती रहती।
रिया सब बातें सुन रही थी और एक बेटी होने के नाते उसे बहुत दुःख हो रहा था कि एक माँ बाप अपनी बेटी को सुखी देखने के लिए क्या क्या करते हैं और वहीँ बेटी अपने माँ बाप को सुखी और निश्चिन्त देखने के लिए अपना हर दुःख कैसे अपने अन्दर समेत लेती है।आंटी की वो बात जो TT के जाने के बाद उन आंटी ने कही थी हमेशा रिया के कानों में गूंजती है कि “’लल्ला की पहली झलक बहुत महंगी पढ़ गई साहब “ !!
दोस्तों कैसी लगी आपको Emotional Story of Parents in Hindi
कामयाब लोग क्या करते हैं सुनें https://www.youtube.com/watch?v=acuClrNtpVo