Emotional family Story in Hindi में पढ़ें कैसे एक बच्चे की ज़िन्दगी माँ से जुड़ी होती है।
मैं कभी बतलाता नहीं, तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ , भीड़ में यूँ न छोडो मुझे के लौट के भी आ न पाऊं माँ, क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ !!
मैं कभी बतलाता नहीं, तेरी परवाह करता हूँ मैं माँ , भीड़ में यूँ न छोडो मुझे के लौट के भी आ न पाऊं माँ, क्या इतना बुरा हूँ मैं माँ !!” ये गाना चल रहा था और सिम्मी कि आँखों से आंसूं रुकने का नाम नहीं ले रहे थे आखिर शर्मिंदगी के आंसूं थे वो क्यूंकि ना चाहते हुए भी सिम्मी ने अपने बेटे पर हाथ उठाया था I करन सिम्मी का छोटा बेटा था और वो सिम्मी के लिए कुछ ज़्यादा ही Possessive था, उसकी सुबह शाम सब सिम्मी के साथ ही होती थी, सोना भी मम्मी के साथ खाना भी, पार्क जाना भी, सब कुछ और सिम्मी भी उसे बहुत प्यार करती थी I
सिम्मी कि सहेलियां उसे चिढाती थी कि तेरा बड़ा बेटा तो तेरी परवाह नहीं करता और ये तेरा पीछा नहीं छोड़ता, ये तो mumma बॉय बनेगा तो सिम्मी बोलती कोई बात नहीं अगर परवाह करने को ये नाम दिया जाता है तो कोई नहीं यही सही I
करण जब से सिम्मी कि ज़िन्दगी में आया है उसे प्यार पर विश्वास होने लगा था, कोई उसे इतना प्यार कैसे कर सकता था क्यूंकि धोखे के सिवा जीवन में उसे कुछ नहीं मिला जिसकी वजह से उसने सब पर विश्वास करना छोड़ दिया और फिर करन उसकी लाइफ में आया जिसकी छोटी छोटी बाहें जब उसके गले का हार बनती थीं तो वो खुद को सातवें आसमान पर महसूस करती थी I लेकिन आज उसने ये क्या किया ? क्या वो एक choco pie और frooti करन के निस्वार्थ प्यार पर इतनी भारी पढ़ गयी कि सिम्मी न चाहते हुए भी अपना हाथ नहीं रोक पायी, करन ने जब ज़िद कि हद पार कर दी तो सिम्मी को लगा शायद उसके लाड प्यार से करन ऐसा हो गया है और उसने उसके गाल पर थप्पड़ मार दिया I
करन ने कुछ नहीं कहा और गाल पर हाथ रखकर सिम्मी कि तरफ सवाल भरी और आंसूं भरी नज़रों से देखता हुआ bed पर जाकर लेट गया और रोने लगा I अब सिम्मी को एहसास हुआ कि उसने शायद एक क़त्ल किया है करन के इमोशंस और फीलिंग्स का और सिम्मी वहीँ धम्म से बैठ गयी I थोड़ी देर में होश संभाला तो भाग कर कमरे में गयी तो मासूम सा करन गाल पर हाथ रखे सो चुका था, सिम्मी ने जैसे ही उसके सर पर हाथ फेरा वो उठ गया और बोला मम्मी एक गिलास पानी दे दो और ये सुनते ही सिम्मी ने उससे माफ़ी मांगी और गले से लगाकर उसे चूमने लगी, आँखों से आंसूं बह रहे थे कि तभी नन्हा करन बोला अब तो पानी मांग रहा हूँ कुछ बाहर का नहीं दे दो न !! सुनते ही सिम्मी को लगा कि शायद वो इतना प्यार Deserve ही नहीं करती!!
कैसी लगी आपको Emotional Family Story in Hindi
अगर आप जानना चाहते हैं कि बच्चों के साथ कैसे जुड़ें तो सुनें https://www.youtube.com/watch?v=bDl3BFhWsLE&list=UUP-MXuuBMRwtojnklGmCZfw&index=15