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ये दिल मांगे More – Hindi Kahani | Life Story in Hindi|Emotional Women Story

Life Story in hindi

Life Story in Hindi
Life Story in Hindi

Life Story in Hindi में आप पढेंगें कि किस तरह ऋचा ने जाना लोगों को और उसने अपना जीने का रवैया बदल दिया।

कभी कभी हम ऐसे हो जाते हैं कि कुछ मिले तो भी अच्छा, कुछ न मिले तो भी अच्छा पर फिर भी कुछ लोग होते हैं समाज में जो मजबूर करते हैं हमें अपने बारे में सोचने पर !

ऋचा को एक कहावत आज बहुत याद आ रही थी कि कीचड़ को घमंड होता है कि लोग उससे डरते हैं लेकिन लोग उससे नहीं खुद के कपड़े गंदे होने से डरते हैं |

ऋचा की शादी जिस शहर में हुई वहां उसे तरह तरह के लोग मिले | कुछ थे जो उससे इर्ष्या करते थे, कुछ उसे दिखाते थे कि वो उसे बहुत पसंद करते हैं और पर अन्दर से उससे बहुत नफरत करते थे| शुरू शुरू में ऋचा ने बहुत दिमाग लगाया कि लोग ऐसे क्यूँ हैं और ऐसा बर्ताव क्यूँ करते हैं |

फिर लाइफ ने उसे एक ऐसे मोड़ पर लाकर छोड़ा जहाँ उसे समझ आ गया कि लोगों के बारे में चिंता करने से अच्छा है अपने बारे में सोचो |

ऋचा और उसकी सहेली एक दिन मॉल में घूमने गए हुए थे तो उसे उसकी पुरानी दोस्त मिली जो अब एक अच्छी कंपनी में जॉब करती थी | ऋचा ने उसे अपनी नयी सहेली से मिलवाया और बोली चलो कहीं कॉफ़ी पीते हैं |

Life Changing Story in Hindi

जब ऋचा और शिखा( पुरानी दोस्त) बातें कर रहे थे तो उसकी नयी दोस्त ज्योति अपने फ़ोन में कुछ काम कर रही थी | शिखा और ऋचा ने ढेर सारी बातें की और फिर वो वहां से चली गयी | ज्योति काम करते करते उनकी सारी बातें सुन रही थी और बोली ऋचा तुम कब समझोगी लोगों को ?

क्या हुआ? ऋचा ने ज्योति से पूछा तो वो बोली, तुम्हे समझ नहीं आता क्या कि वो किस तरह की है | तुम दोनों की जितनी देर भी बातें हुईं उसने एक बार भी ये नहीं पूछा कि तू कैसी है बस तेरे पति के बारे में, तेरे और तेरी सास के रिश्ते के बारे में या फिर तेरे और तेरी ननद के रिश्ते के बारे में बातें करती रही | ऋचा तेरे अलावा उसे तेरे हर रिश्ते में दिलचस्पी है तो तू ऐसे लोगों को अपना दोस्त कैसे कह सकती है |

देख ज्योति वो मुझे बहुत दिनों बाद मिली थी तो मेरा फ़र्ज़ था उसे रेस्पोंड करना लेकिन मैं अब ऐसे लोगों को खूब जानने लगी हूँ | तू तो कुछ दिनों के लिए आती है और चली जाती है पर मैं अकेली क्या करूँ, तेरे जैसे दोस्त मिलते ही नहीं हैं | जिन जिन से रिश्ता बनाया, दोस्ती की सबका कोई न कोई मकसद रहा है | किसी को भी मुझसे कोई लेना देना नहीं होता बस या तो स्वार्थ के लिए रिश्ते निभाने होते हैं या मतलब की दोस्ती |

अब मैंने खुद के साथ खुश रहना शुरू कर दिया है, खुद से दोस्ती कर ली है क्यूंकि अब बस बहुत हुआ और अब ये दिल मांगे more !! बातें करते करते दोनों मॉल से बाहर आ गयीं और अपने घर की तरफ चल दीं |

अगर आप खुश रहना चाहते हैं तो ये सुनें : https://www.youtube.com/watch?v=uHidtBIAam4&t=207s

Written by Geetanjli Dua