How Boy or Girl is Born? में जानें क्या वजह है लड़का या लड़की होने की ।
औरतों में जब भी मासिक धर्म शुरू होता है तो उसके बाद ही उसमें संतान पैदा करने की क्षमता पैदा होती है।
जन्म और मरण प्रकृति का एक ऐसा नियम है जिसके आगे किसी की भी नहीं चलती और संतान पैदा करना हर जीवित प्राणी का गुण है । जब भी हम मानव जाति के बारे में सोचते हैं तो देखते हैं कि पैदा होने वाले सभी बच्चे नर या मादा होते हैं जो अपने आप में एक बहुत बड़ा रहस्य है , सोचने वाली बात यह है कि ये बच्चे केवल लड़के या केवल लड़की क्यूँ नहीं होते और ये किस बात पर निर्भर करता है कि लड़का ही होगा या लड़की ही होगी ?
औरतों में जब भी मासिक धर्म शुरू होता है तो उसके बाद ही उसमें संतान पैदा करने की क्षमता पैदा होती है जो ज़्यादातर 11 साल का होने के बाद ही होती है । जब भी औरतों में मासिक धर्म आता है तो उसके लगभग 18 दिन तक उसमें से एक अंडा उत्पन्न होता है, इस दौरान अगर ये अंडा किसी पुरुष के वीर्य के संपर्क में आता है तो गर्भ धारण होता है ।
औरतों में जो अंडे बनते हैं उनमें और पुरुष के वीर्य में जो सेक्स क्रोमोजोम होते हैं उनपर निर्भर करता है कि लड़का पैदा होता है या लड़की । औरतों के अण्डों में एक ही तरह के सेक्स क्रोमोजोम होते हैं जिन्हें X क्रोमोजोम कहा जाता है और पुरुषों के स्पर्म( शुक्राणु ) में दो तरह के क्रोमोजोम होते हैं X क्रोमोजोम और Y क्रोमोजोम जिनमें Y का आकार X से बड़ा होता है।
जब पुरुष का X क्रोमोजोम औरत के अंडे के संपर्क में आता है तो इससे लड़की पैदा होती है यानी XX का मतलब लड़की और जब Y क्रोमोजोम औरत के अंडे में प्रवेश करता है तो XY का मतलब लड़का पैदा होता है ।
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