Hindi Story on Family में पढ़ें नीति के जीवन से जुडी बातें !
नीति ने कभी सोचा भी नहीं था कि अपने स्कूल और कॉलेज में जितनी तारीफें वो बटोरती है वो आज मिली तारीफ़ के आगे फीकी पड़ जायेगी|
नीति और रोहन एक ही कॉलेज में पड़ते थे और दोनों को एक दूसरे से प्यार हो गया| प्यार होना और फिर शादी होने में जो फासला तय करना होता है वो इतना आसान नहीं होता| रोहन एक बहुत अच्छे परिवार से था और वहीँ नीति एक मिडिल क्लास फॅमिली से थी| नीति की माँ को सब पता था उन दोनों के बारे में लेकिन नीति का भाई शादी के लिए बिलकुल तैयार नहीं था| रोहन के अमीर होने वाली बात सोचते ही नीति का भाई डर जाता था क्यूंकि उसने आस पास गरीब लड़कियों के घर उजड़ते हुए देखे थे|
एक दिन ऐसा आया कि नीति के भाई ने शादी के लिए हामी भर दी क्यूंकि वो अपनी बहन के प्यार के खातिर और रोहन के अच्छे व्यहवार को देखते हुए उनके प्यार के आगे झुक गया| शादी हो गयी लेकिन नीति की सास शुरू से ही उससे खुश नहीं थी, नीति सिर्फ रोहन की पसंद बन कर रह गयी| घर के काम बहुत अच्छे से करने के बावजूद नीति कभी भी अपनी सास को संतुष्ट नहीं कर पायी|
नीति का एक बेटा हुआ और उस दिन पहली बार नीति को लगा कि शायद उसकी सासू माँ अब खुश हैं| घर में सब उस नन्ही जान के आस पास घुमते रहते क्यूंकि कहते हैं ना
“ मूल से ब्याज प्यारा होता है “
नीति ने अपनी नौकरी दुबारा से ज्वाइन कर ली और वो घर का काम और ऑफिस का काम बखूबी संभालने लगी, वक़्त बीतता गया और उसके देवर की शादी का वक़्त आ गया| नीति ने शुरू से ही अपनी देवरानी को वाही अपनापन दिखाया जो वो अपने बाकी ससुरालवालों के साथ रखती थी| धीरे धीरे नीति ने महसूस किया कि सासू माँ सारा प्यार छोटी बहु की तरफ लुटाती थीं, पर नीति ने इन सब घरेलु चीज़ों से खुद को दूर रखने की बहुत कोशिश की| नीति जानती थी कि इसके पीछे की वजह देवरानी का बड़े घराने से होना था लेकिन उसने कभी भी अपने व्यहवार में अपनी पीड़ा झलकने नहीं दी|
सासू माँ जब भी छोटी के साथ होती तो उसका बेटी की तरह ख़याल रखती, उसकी सेहत की भी चिंता करती लेकिन जब भी नीति की बात आती तो वो यही सोचती की ये तो छोटे घर से है इसे क्या फर्क पड़ता है काम ज्यादा हो या कम| रोहन सब कुछ चुप चाप देखता और समझता था लेकिन कुछ बोलता नहीं था| नीति के देवर ने हमेशा उसे सम्मान दिया जिसकी वजह से वो छोटी के स्वभाव को भी नज़र अंदाज़ करती रही|
एक दिन रोहन ने उसे समझाया कि तुम अब पहले जैसी नहीं रही हर वक़्त चिंता में रहती हो, अगर तुम्हे कोई बात बुरी लगती है तो उसे बोल दो जिससे सामने वाले की दुबारा कुछ करने की हिम्मत ना हो या फिर जैसा चल रहा है उसे स्वीकार कर लो और अपनी ज़िन्दगी पर ध्यान दो|
नीति ने उस रात बहुत सोचा और फैसला लिया कि ज़बान चलाने का कोई फायदा नहीं, पाँचों उंगलियाँ एक सामान नहीं हो सकतीं| उसने फैसला लिया कि ज्यादा Emotional होने का कोई फायदा नहीं है| नीति ने अगले दिन से ही अपना रवैय्या बदल दिया, उसने उन लोगों की परवाह करनी छोड़ दी जिन्हें उसके होने या ना होने से कोई फर्क नहीं पड़ता था|
नीति की एक ननद थी शिल्पा और बच्चों की छुट्टियो की वजह से वो वहां रहने आई| शिल्पा ने सबको बहुत दिन तक देखा और कुछ दिनों बाद नीति को कहा- भाभी चलो सैर करके आते है| नीति ने फटाफट काम निपटाया और दोनों ननद भाभी चल पड़ीं, रास्ते में शिल्पा ने कहा- भाभी मैं सब जानती हूँ कि क्या हो रहा है लेकिन आपको एक बात बोलना चाहती हूँ कि आप शिमला मिर्च हो! जिस तरह शिमला मिर्च किसी भी चीज़ में पड़े तो उसका स्वाद बड़ा देती है उसी तरह आप भी इस Family का स्वाद बड़ा रहे हो| आपकी कद्र चाहे किसी को हो या ना हो पर मेरे दिल में आपके लिए हमेशा के लिए सम्मान और बढ़ गया है|
अगर आप प्यार या लगाव से जुडी बातें सुनना चाहते हैं तो सुनें https://www.youtube.com/watch?v=c4AWGs2tOR4