सिम्मी को एक रिश्ते के रूप में दोस्त मिला था, Emotional Family Hindi Story में पढ़ें कौन है वो सिम्मी का दोस्त ?
सिम्मी दीदी आप बिलकुल चिंता मत करो, मैं सच का पता कर के रहूंगी| जब पायल ने ऐसा कहा तो सिम्मी को तसल्ली हो गयी और उसने चैन की सांस ली| पायल और सिम्मी दोनों ही देवरानी जेठानी कम और सहेलियां ज्यादा लगती थीं| पायल थोड़े तेज स्वभाव की थी और वहीं सिम्मी शांत और सरल स्वभाव की थी, दोनों की आपस में खूब बनती थीं|
लोगों को बहुत हैरानी होती थी उन दोनों को देखकर कि ये दोनों इतना नाज़ुक रिश्ता होते हुए भी आपस में एक दुसरे की इतनी घनिष्ठ मित्र कैसे हैं, जब लोग पूछते तो पायल जवाब दे देती कि सासू माँ की 5 बहुएं हैं उनमें से मैंने अपने लिए सिम्मी दी को चुना है| उसका ये जवाब सुनकर सिम्मी को बहुत गर्व होता कि उसे भी कोई इतना प्यार कर सकता है, जहाँ किसी को दो मिनट उससे बैठकर बात करने तक की फुर्सत नहीं थी|
सिम्मी और पायल के अलावा बाकी की तीनों बहुएं बहुत ही चतुर थी और बस उनका ध्यान जायदाद, गहने और इन्हीं चीज़ों पर लगा रहता था| एक दिन सिम्मी की सास को न्योता आया कि उनके भाई के इकलौते बेटे की शादी है और उन्हें इसमें ज़रूर सम्मिलित होना है| सासू माँ ने घर में सबसे कहा तो बाकी बहुओं ने इसमें कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई लेकिन सिम्मी और पायल ने कहा कि माजी आप चली जाइए हम सब संभाल लेंगें| सासू माँ 15 दिन के लिए निश्चिन्त होकर चली गयीं और सबको कुछ दिनों बाद जाना था शादी से एक दिन पहले| सासू माँ सिम्मी को सबसे बड़ी बहु होने के नाते एक ज़िम्मेदारी देकर गयीं थी| सिम्मी को मामा जी की होने वाली बहु के लिए अंगूठी बनवा के लानी थी जो रीत के तौर पर उसे पहनाई जाने वाली थी|
जब उनके घर पहुंचे तो सिम्मी ने वो बैग जिसमे अंगूठी थी उसकी ज़िम्मेदारी बाकी की तीन बहुओं को दी क्यूंकि वहां पहुँचते ही उसकी बेटी की तबियत खराब हो गयी तो वो उसे देखने में व्यस्त हो गयी| तीनों बाहें इतनी लापरवाह थी कि बैग को भूलकर वो शादी में सम्मिलित होने आई बाकी की औरतों के कपडे देखने में व्यस्त हो गयीं| घर के किसी नौकर ने वहां रखे सारे बैग स्टोर रूम में रख दिए ताकि किसी को परेशानी ना हो और वहां ताला लगा दिया|
जब रीतें शुरू हुई तो सासू माँ ने सिम्मी से अंगूठी लाने को कहा, सिम्मी ने बाकी की बहुओं की तरफ देखा तो किसी को भी पता नहीं था कि बैग कहाँ है| सिम्मी परेशान हो गयी और साड़ी बाहें दर के मारे इधर उधर बैग ढूँढने लगीं तभी पायल वहां पहुँच गयी क्यूंकि ऑफिस की वजह से वो लेट आने वाली थी|
जब पायल को सारी बात का पता चला तो उसने सिम्मी को आश्वासन दिया और सासू माँ को जाकर अपनी अंगूठी जिसे वो पहली बार पहनने वाली थी, दे दी| सासू माँ ने अंगूठी पहले ददेखी नहीं हुई थी तो वही होने वाली बहु को पहना दी| उस समय वो मामला संभल गया पर वहां से तुरंत आकर पायल ने सारी बहुओं को खूब खरी खोटी सुनाई और बैग ढूँढने के लिए कहा और साथ ही कहा कि अगर बैग नहीं मिला तो मैं सासू माँ को बता दूँगी| इस डर से सब बैग ढूँढने लगे और एक बहु ने स्टोर रूम की खिड़की से देखा बैग अन्दर रखा है|
घर के नौकर को बुलवाकर स्टोर रूम खोला और बैग निकाला तो देखा अंगूठी उसमें सुरक्षित थी| सिम्मी ने पायल को गले लगा लिया और बोली आज तुम ना होती तो पता नहीं क्या हो जाता?
मैं क्यूँ नहीं होती दीदी? ऐसा क्यूँ कह रही हो, अब कम से कम ये अंगूठी तो मुझे पहना दो वर्ना नामित को पता चल गया कि वैलेंटाइन पर जो अंगूठी उन्होंने मुझे दी थी वो मैंने आगे सरका दी तो खूब गुस्सा होंगे| सिम्मी ने हँसते हुए कहा- हाँ हाँ क्यूँ नहीं, इसकी असली हकदार तुम ही तो हो!!
अगर आप लोगों के बारे में जानना चाहते हैं तो सुनें :
https://www.youtube.com/watch?v=8Zd10Biq1YM