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नए ज़माने में पुरानी साइकिल-Hindi Kahani | Hindi Story with Moral

Emotional Story Hindi Mein

Hindi Story with moral
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Hindi Story with Moral दर्शाती है कि कैसे हम खुद को बदल सकते हैं अपनी ही ख़ुशी के लिए।

दिया ना ही अपने शरीर का ख़याल रखती थी और ना ही अपने आपको चुस्त रखने के लिए कोई ऑउटफिट पहनती थी ।

अपनी लाइफ शायद मैंने ऐसी ही तो बना ली है जैसे नए ज़माने में रखी ये पुरानी साइकिल !!

दिया जब से शहर में आई है लोगों को बस भागते हुए देख रही है और सोचती है कि क्या मुझे भी इस race में हिस्सा लेने की ज़रुरत है पर अगले ही पल सोचती है कि नहीं मैं जैसी हूँ ठीक हूँ मैं इनकी तरह नहीं दौड़ सकती और deleivery के बाद वो भी दो दो बच्चों की, ना बाबा ना ।

दिया और उसके पति राघव अपने दो बच्चों के साथ बहुत खुश थे और उन्हें भी कभी दिया को बदलने की ज़रुरत नहीं पड़ी पर एक चीज़ जो उन्हें कभी समझ नहीं आती थी वो ये थी कि पहले दिया कितनी एक्टिव रहती थी और जॉब भी करती थी लेकिन अब दो बच्चों के बाद वो आलसी सी लगने लगी है ।

दिया ना ही अपने शरीर का ख़याल रखती थी और ना ही अपने आपको चुस्त रखने के लिए कोई ऑउटफिट पहनती थी । उसका शरीर ढीले ढाले कपड़ों में और बेढंगा दिखता था पर उसे कभी इस बात की कोई फ़िक्र नहीं रहती थी , वो दूसरों को देखती थी कि ये लोग कितने फिट हैं लेकिन उसने कभी अपने ऊपर काम करने की नहीं सोची थी और कमाल की बात ये है कि उसे कभी किसी ने इसकी सलाह भी नहीं दी थी।

आजकल के भागते दौड़ते समय में हर कोई अपने में व्यस्त है किसी के पास फुर्सत नहीं है किसी दूसरे को नेक सलाह देने की और ले देके उसकी एक ही सहेली थी और वो तो खुद को ही संवारने में लगी रहती थी उसके पास टाइम नहीं था कि वो ये परवाह करती कि दिया कैसी लगती है या उसे किसी बदलाव की ज़रुरत है या नहीं ।

एक दिन दिया अपने बड़े बेटे के साथ पार्क में गयी हुई थी तो उसने एक अजीब सा नज़ारा देखा, बाहर रोड पर एक साइकिल कड़ी हुई थी और वो बिलकुल सीधी खड़ी थी मतलब सीधे वाले स्टैंड पर लगी थी जबकि आजकल साइकिल हो या स्कूटर सब साइड वाले स्टैंड पर खड़े होते हैं । दिया ने देखा कि सब लोग उस साइकिल को देखते हुए जा रहे हैं और बहुत हंस रहे हैं , उसे कुछ समझ नहीं आया बहुत देर तक  देखने के बाद जब दिया समझ नहीं पायी तो उसने अपने बेटे को आवाज़ देकर अपने पास बुलाया जो कि अपने दोस्तों के साथ दूर खेल रहा था I शिवम् आया और बोला “ क्या हुआ मम्मी , क्यूँ बुलाया है मुझे ?”

शिवम् ये साइकिल देख ज़रा और ये बता सब लोग इसे देख कर क्यूँ हंस रहे हैं ? शिवम् बोला मम्मी ये आजकल के ज़माने में पुरानी साइकिल की तरह है इसलिए सब इसे देख कर हंस रहे हैं । बेटा मुझे अब भी समझ नहीं आया कि इसमें हंसने वाली क्या बात है ? अरे मम्मा इस ज़माने में अगर कोई भी पुराने ज़माने जैसा दिखेगा तो उसे देख कर सब हँसेंगे ही ना ? कोई अगर पुराने स्टाइल के कपडे पहनेगा, या पुराना स्टाइल रखेगा तो सब उसे देख कर हँसेंगे ही ना !! अच्छा मम्मी अब मैं खेलने जा रहा हूँ , शिवम् तो चला गया लेकिन वो दिया को कुछ ऐसा समझा गया जिसके बारे में उसे कभी किसी ने नहीं बताया था।

Hindi Story with Moral
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दिया ने शिवम् से कहा कि मैं घर जा रही हूँ तुम आ जाना खेलने के बाद और वहां से जाने लगी तो भी उस साइकिल से अपनी नज़र नहीं हटा पायी , ना ही उन लोगों को उस पर कटाक्ष करते हुए देखकर खुद को रोक   पायी । घर जाते ही दिया ने सबसे पहले खुद को शीशे में देखा और सोचा कि ज़रूर लोग उसे देख कर भी यही कहते होंगे, यही सोचते होंगे उसके बारे में भी क्यूंकि है तो वो भी आज के ज़माने में पुराने स्टाइल की पर कभी राघव ने या साक्षी (उसकी सहेली) ने उसे इसके बारे में क्यूँ नहीं बताया ?

खैर अब वो समझ चुकी थी कि हमें अपने बारे में खुद सोचना चाहिए, उसने अगले ही दिन राघव से कुछ पैसे लिए और बच्चों के स्कूल जाने के बाद पास की शॉप से अपने लिए ढंग के कपड़े खरीदे।कपडे लेने के बाद वो पारलर गयी और फिर घर वापिस आई तो बच्चे उसको देख कर बोले मम्मा आज आप बहुत अच्छे लग रहे हो , हम कहीं जा रहे हैं क्या ? दिया बोली नहीं बेटा हम कहीं नहीं जा रहे बस मैं कहीं से आ रही हूँ ।

शाम को राघव घर आया तो दिया को देख कर बोला आज तो बड़ी स्मार्ट लग रही हो तुम !! दिया बोली हाँ बिलकुल आजकल की साइकिल की तरह और मुस्कुराती हुई शीशे में खुद को निहारने चली गयी और राघव सर खुजलाता हुआ इधर उधर देखने लगा क्यूंकि उसको कुछ समझ नहीं आया था और शिवम् सब सुनकर बैठा हुआ मुस्कुरा रहा था ।

कैसी लगी आपको Hindi Story with Moral

अपने मन को खुश रखने के लिए सुनें https://www.youtube.com/watch?v=W1CwgW0FTuA

Written by Geetanjli Dua