Heart Touching Story in Hindi पढ़ें।
आप क्यूँ शामिल हुई हम बच्चों के खेल में माँ ?
अमेरिका के एक घर में अकेले बैठे पूजा एक दिन सोचती है कि बहुत टाइम से किसी को ख़त नहीं लिखा तो पहला शख्स जो उसके ज़हन में आया वो था उसकी माँ तो पूजा ने लिखना शुरू किया I बचपन में धार्मिक serials से हमने एक बुरी बात भी सीख ली थी जिसे हम अपने खेल में शामिल करने लगे थे और वो था श्राप देना I खुद को एक अच्छे पद पर महसूस करते और किसी को भी श्राप दे देते जैसे “ जा इस साल मम्मी पापा तुझे कोई खिलौना नहीं दिलाएंगे , जा पूरा साल तेरे अच्छे नंबर नहीं आयेंगे वगैरह वगैरह , आखिर खुद को किसी ऋषि बाबा से कम नहीं समझते थे हम I
ये श्राप भी हम पूरी ऋषियों वाली फीलिंग्स के साथ देते थे एक हाथ उठाकर , दुसरे हाथ से जल का छीटा मारकर पर पता ही नहीं चला कि तुम कब इस श्राप वाले खेल में शामिल हो गयीं , देखना एक दिन तरसोगे माँ के लिए , देखना कोई खाने के लिए भी नहीं पूछेगा तुम्हे , जितना सोना है माँ के राज में सो लो आगे तो सोने को नहीं मिलेगा !! हमारे श्राप तो सच नहीं हुए लेकिन तुम्हारे सारे श्रापों पर भगवान् ने तथास्तु लिख दिया I सच में तरस जाती हूँ तुमसे मिलने को इतनी दूर जो हूँ, सच में खाने को कोई नहीं पूछता यहाँ सबको मैं ही खिलाती हूँ , सच में अब सो नहीं पाती हूँ बच्चों की फ़िक्र में !!
आप क्यूँ शामिल हुई हम बच्चों के खेल में माँ ? पूजा का ये आखरी सवाल कई आंसूं ले आया था उसकी आँखों में !! कलम अपने आप रुक गया और मन बोझिल हो गया I
Heart Touching Story in Hindi में आपने पढ़ा माँ और बेटी के बारे में
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