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Social Media- त्वमेव माता च पिता त्वमेव|Life Changing Story in Hindi

Life Story in Hindi

Life Story in Hindi
Life Story in Hindi

आजकल लड़ाई हो या देर रात नींद न आ रही हो सबका soulmate है सोशल media, हमारा प्यारा watsapp, facebook,इन्स्टा, और बहुत कुछ। जब हमारी किसी से लड़ाई हो जाती है तो हम उसे मनाने की बजाए अपने फ़ोन में ऐसे घुस जाते हैं जैसे इससे बड़ा ग्यानी इस धरती पर कोई है ही नहीं और ऐसे में दूसरा बन्दा, अरे भाई जिससे लड़ाई हुई थी, वो भी या तो इसी soulmate का सहारा लेगा या फिर साड़ी भड़ास सोशल media का स्टेटस सेट करके निकलेगा।

पहले लोग रात को इसलिए जल्दी सोते थे क्यूंकि उन्हें सुबह सूरज उगने से पहले उठना होता था और भगवन की पूजा करके नाश्ता करके घर से काम पर निकलना होता था। बड़ी साधारण सी दिनचर्या हुआ करती थी, शाम को लोग जल्दी घर आकर कुछ समय बच्चों के साथ, कुछ माँ बाप के साथ और कुछ दोस्तों के साथ बिताकर खुद को बहुत lucky feel करते थे और फिर जल्दी सो जाया करते थे सुबह फिर जल्दी उठने के लिए।

आज के युग में इसका बिलकुल उल्टा हो रहा है, घर आने के बाद फटाफट कपडे change करके हाथ मुह धोकर मोबाइल की तरफ ऐसे भागते हैं जैसे एक सिंगल notification भी miss कर दिया तो फंसी हो जायेगी। पहले ज़माने में शर्मों हया की वजह से पत्नी या पति को खुले में प्यार भरे एक्सप्रेशंस देने की इजाज़त तो होती नहीं थी, बस पति ऑफिस से आता था और पत्नी की तरफ एक प्यार भरी मुस्कान से देखता था तो उसे एक दुसरे को ग्रीट करने का रोमांटिक तरीका माना जाता था और पत्नी भी खाने में पति की पसंद का खाना serve करके जताती थी कि उसने पति को बहुत miss किया।

पहले लोग रात को इसलिए जल्दी सोते थे क्यूंकि उन्हें सुबह सूरज उगने से पहले उठना होता था और भगवन की पूजा करके नाश्ता करके घर से काम पर निकलना होता था। बड़ी साधारण सी दिनचर्या हुआ करती थी, शाम को लोग जल्दी घर आकर कुछ समय बच्चों के साथ, कुछ माँ बाप के साथ और कुछ दोस्तों के साथ बिताकर खुद को बहुत lucky feel करते थे और फिर जल्दी सो जाया करते थे सुबह फिर जल्दी उठने के लिए।

आज के युग में इसका बिलकुल उल्टा हो रहा है, घर आने के बाद फटाफट कपडे change करके हाथ मुह धोकर मोबाइल की तरफ ऐसे भागते हैं जैसे एक सिंगल notification भी miss कर दिया तो फंसी हो जायेगी। पहले ज़माने में शर्मों हया की वजह से पत्नी या पति को खुले में प्यार भरे एक्सप्रेशंस देने की इजाज़त तो होती नहीं थी, बस पति ऑफिस से आता था और पत्नी की तरफ एक प्यार भरी मुस्कान से देखता था तो उसे एक दुसरे को ग्रीट करने का रोमांटिक तरीका माना जाता था और पत्नी भी खाने में पति की पसंद का खाना serve करके जताती थी कि उसने पति को बहुत miss किया।

यही अनकहे अलफ़ाज़ मुह से कहे अल्फाजों या type किये गए अल्फाजों की जगह बहुत वज़नदार होते थे, पर आज उन सबकी जगह इस सोशल media ने इस कदर ले ली है कि पति को ऑफिस से आने के बाद कुछ सुध बुध ही नहीं होती कि पत्नी ने उसे miss किया या कोई उसकी तरफ आस भरी नज़रों से देख भी रहा है। सोशल media के बोझ ने उसकी पलकों को इस कदर झुका दिया है के फ्रेश होने के बाद के वक़्त से लेकर सोते वक़्त बंद हुई पलकों के बीच उसका एक हाथ हमेशा मोबाइल में व्यस्त रहता है। खाना खाते वक़्त मोबाइल, बच्चों से बातें करते वक़्त मोबाइल, सोने से पहले मोबाइल( अब चाहे वो सोशल media हो या ऑफिस का काम)- “त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बंधू च सखा त्वमेव” – पंक्ति बिलकुल फिट बैठती है।

जहाँ आदमियों को आज अपने बच्चों और बीवी के साथ quality time स्पेंड किये सदियाँ बीत जाती हैं वहीँ पत्नियां पति की।gnorance( just becoz ऑफ़ मोबाइल) को बर्दाश्त नहीं कर पाती और किटी पार्टीज का सहारा लेती हैं या फिर वो भी social media एडिक्ट का ख़िताब जीत जाती हैं। ऐसे में बच्चे उन्हें देखते हैं और उन्हें लगता है कि शायद हमें भी बड़े होकर इतना ही व्यस्त रहना पड़ेगा तो वो जुट जाते हैं उस व्यस्तता की प्रैक्टिस में यानी teenage हैं तो सोशल media और कम ऐज है तो गेम्स, ऐसे में अगर पेरेंट्स बच्चों को अपने ज़माने की दलीलें देकर डांटे तो क्या ये लाज़मी है ? बिलकुल नहीं, पहले अपने दिल पर हाथ रखकर पूछिए कि क्या कभी आपके ज़माने में आपके माता पिता ने मोबाइल पर या छोडिये टीवी पर ही इतना तवज्जो दिया था जितना आपके लिए ये छोटा सा तमंचा।mportant है ? mobile का स्क्रीन gaurd, लेटेस्ट updates, apps सबका ख्याल है आपको, पर क्या आपको अपने घर के नन्हे से फूल की आँखों का स्क्रीन gaurd बनने का ख़याल आया? क्या टीवी मोबाइल के लिए उन्हें डांटना जायज़ है या उनकी फूल सी आँखों को नेचर के नज़ारे दिखाना, उन्हें बाज़ार की सैर करना, उनके साथ तरह तरह के गेम खेलने का काम हमारा है, जो हमारे पेरेंट्स बचपन में करते थे।

Life Changing Story in Hindi
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जागिये जनाब अपने बच्चों की eyes के naturegaurd बनिए और अपने सोशल media की, अपने स्क्रीन gaurd की चिंता छोडिये। क्या आपको याद है कि लास्ट आपने अपने बच्चों के बालों में हाथ कब फेरा था, अपने बच्चों को लॉन्ग ड्राइव पर कब ले गए थे, कब आखरी बार उन्हें अपने साथ पार्क ले गए थे और तरह तरह के झूलों के नाम बताये या फूलों के नाम बताये, या अपनी पत्नी की तरफ आखरी बार कब देख कर मुस्कुराए थे? पहले ज़माने में जो माता पिता, पति पत्नी, बच्चे, दोस्त, रिश्तेदार हुआ करते थे आज उनकी जगह सोशल media ने ले ली है।

इस सोशल media marathon में जहाँ नोजवान अपना सब कुछ भूल चुके हैं वहीँ बुजुर्गों ने भी बहुत सारे पदक जीते हैं। पिता पुत्र को watsapp करता है how are you? , माँ बेटे को watsapp करती है खाना खा लिया? या लड़की की फोटो watsapp की  है बता अगर पसंद है तो ? पत्नी पति को watsapp करती है लव यु जान, going for kitty, khana ready hai खा लेना।पति पत्नी को watsapp करता है ‘ see jaanu। received momento for best performance”.

अरे भाई, नई तो नई पुरानी जनरेशन को क्या हो गया है ? पिताजी अगर बेटे की चिंता सता रही है तो उठाईये फ़ोन और बोलिए तुझसे बात करने का मन कर रहा था, यकीं  मानिए emotions की लहर ज़रूर आएगी, और माताजी बेटे ने खाना खाया या नहीं फ़ोन करके लंच time में पूछ लीजिये, उसे स्पेशल feel होगा, और रही बात लड़की पसंद करने की, अगर आमने सामने बैठ कर बात की जायेगी और बेटा इस बात पर blush करेगा तो आपको ही गर्व महसूस होगा अपने संस्कारों पर, watsapp का तो ऐसा है माता जी हो सकता है बेटा आपकी पसंद के बगैर शादी करले और बहु से इसी watsapp से watsapp कॉल कराये? धरम पत्नी जी अगर आप अपनी kitty पार्टी का समय आगे पीछे कर लेंगी तो ज्यादा अच्छा रहेगा कहीं watsapp के चक्कर में ऐसा न हो कि अप्पने घर लेडीज को बुलाया हो kitty के लिए और पति दोस्तों को ले आये दारु party के लिए और plan chaupat होने पर आपको सुनना पड़े sorry baby watsapp तो किया था मैंने तुम्हे, शायद नेटवर्क low होगा। पति परमेश्वर जी अगर यह ट्राफी watsapp की जगह direct जाकर पत्नी को दिखाएँगे और उसे लॉन्ग ड्राइव पर ले जायेंगे तो शायद आपसे ज्यादा आपकी सफलता की ख़ुशी उसे ही होगी, afterall एक कामयाब आदमी के पीछे एक औरत का हाथ होता है।

Written by Geetanjli Dua