पहला दिन -मिसेज शर्मा आप तो बहुत ही चुस्त हैं, सारा काम बहुत जल्दी निपटा लिया और अब शॉपिंग के लिए भी जा रही हैं?
दूसरा दिन- मिसेज शर्मा आप तो बहुत ही आलसी होती जा रही हैं, अगर आज मेड नहीं आई तो दिन में ही काम क्यों नहीं कर लिया, इतनी दोपहर मैं सफाई कौन करता है भला?
कुछ समझ आया दोस्तों, बेचारी एक ही मिसेज शर्मा एक दिन बहुत सुस्त हो जाती हैं और दूसरे दिन बहुत चुस्त हो जाती हैं। हमारी सोसाइटी में यह बहुत बड़ी समस्या है कि यहां हर कोई दूसरे की लाइफ में दखलअंदाजी करना पसंद करता है।
अरे भाई, 1 दिन अगर मिसेज शर्मा की तबीयत फिट एंड फाइन है तो उन्होंने जल्दी काम निपटाया और बचे हुए समय में बाजार के काम निपटा लिए, और वहीं अगर एक दिन उनका काम करने का मन नहीं है और बाई चांस मेड भी छुट्टी पर है ऐसे में अगर वह दोपहर में सफाई कर रही हैं तो what।s the big deal।n।t?
यह बिल्कुल सोलह आने सच बात है कि कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना, अगर आप फिट है तो लोगों को परेशानी है और यदि आप फिट नहीं है तो भी उन्हें परेशानी है।कुछ लोगों का जीवन जी इसीलिए बना है कि वह यह ध्यान रखें कि बाकी लोग क्या कर रहे हैं।
रीता जी की मेड आज आई नहीं थी और हस्बैंड बैंक गए हुए थे।रीता जी ने कुछ देर तक अखबार पड़ी, उसके बाद घर में रखी हुई मैगजीन पड़ी, झाड़ू पोछा लगाने की हिम्मत ना उनमें थी और ना ही उनकी इच्छा हो रही थी।
काफी समय निकल गया, उन्हें लगा चलो बाहर आंगन में तो झाड़ू लगा ही ली जाए, जैसे ही वह झाड़ू लेकर बाहर निकली उसी समय उनकी एक पड़ोसन ने उन पर कमेंट किया, क्या बात है दोपहर के 3:00 बजे झाड़ू लग रही है? ऐसा सुनते ही पड़ोस की तीन चार औरतें मुस्कुराने लगी।
रीता जी को उनकी बात सुनकर बहुत गुस्सा आया और वह मन ही मन सोचने लगी कि मैं चाहे 3:00 बजे झाड़ू लगाऊं या ना लगाऊं मेरी मर्जी, पर उन्होंने इस बात का बड़ी सूझ-बूझ के साथ जवाब देने का फैसला किया।
उन्होंने पड़ोसन को कहा- क्या आज का अखबार पढ़ा है आपने, सुबह उठकर मैगजीन पड़ी है? क्या आप अपडेटेड हैं कि आज मोदी जी ने क्या फैसला लिया है? ऐसे में उनकी पड़ोसन के चेहरे की रंगत उड़ गई, रीता जी बोली- हर किसी की जीवन शैली अलग तरीके की होती है, किसी को सुबह सुबह गली में खड़े होकर एक दूसरे पर कमेंट करने में मजा आता है और किसी को सुबह का अखबार पढ़ना ताजा खबरों की जानकारी लेना ज्यादा अच्छा लगता है।
यह सुनते ही बाकी की औरतें तुरंत अपने घर चली गई, उसी समय रीता जी की कामवाली बाई भी आ गई और पारिवारिक समस्या की वजह से देरी होने पर माफी मांगते हुए उसने रीता जी के हाथ से झाड़ू ले लिया और सफाई करने चली गई।
ना जाने आज की सोसाइटी को क्या होता जा रहा है अगर कोई अच्छा काम कर रहा है तो भी लोगों को परेशानी है और अगर कोई बुरा काम कर रहा है तो परेशानी होना लाजमी ही है।क्यों लोग अपना काम छोड़कर दूसरे के काम पर नजर रखना, कमेंट करना अपना परम अधिकार मानते हैं।रीता जी जैसे बहुत से लोग मन ही मन इन लोगों को दयनीय दृष्टि से देखते हैं क्योंकि यह लोग मानसिक रूप से बीमार होते हैं या इन सिक्योर होते हैं इसलिए यह ऐसी हरकतें करते हैं।आपके घर कोई नया सामान आया है तो आपको रुपए से लेकर कहां से खरीदा गया तक की सारी जानकारी ऐसे लोगों को देनी होती है, आपके बच्चे का जन्मदिन है या आप की एनिवर्सरी, आप भले ही कोई प्लान बनाना भूल गए हो पर आपके पड़ोसी आपको सदैव एक अलार्म और रिमाइंडर की तरह आपकी सेवा में हाजिर मिलेंगे।