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नाचनेवाली की बुद्धिमता |kids moral story in hindi |BedTime Story

Child Moral Story in Hindi

Child Moral Story in Hindi
Child Moral Story in Hindi

kids moral story in hindi में पढ़ें

एक राजा था जिसे राज भोगते काफी समय हो गया था और अब तो उसके बाल भी सफ़ेद होने लगे थेI एक दिन उसने अपने दरबार में एक उत्सव रखा और उस उत्सव में एक नाचने वाली को और अपने गुरु को भी बुलायाI राजा ने इस उत्सव में दूर देश के राजाओं को भी न्योता दिया।

राजा ने सरकारी कोष में से धन मंगवा कर कुछ मुद्राएँ अपने गुरु जी को दे दी  और कहा कि आपको जो बात नाचनेवाली की अच्छी लगे उस बात पर मुद्रा दे देना। सारी रात नाच चलता रहा, सुबह होने वाली थी कि नाचने वाली ने देखा की मेरा तबलेवाला ऊंघ रहा है उसको जगाने के लिए नाचने वाली ने एक दोहा पढ़ा :

बहु बीती थोड़ी रही, पल पल गयी बिहाई!
एक पलक के कारने, न कलंक लग जाए।

अब इस दोहे का अलग अलग व्यक्तियों ने अपने अनुरूप अर्थ निकाला।

तबलेवाला सतर्क हो तबला बजाने लगा। जब यह बात गुरु ने सुनी तो गुरु ने सारी मोहरें उस नाचने वाली को दे दी। वही दोहा जब नाचनेवाली ने फिर पड़ा तो राजा  की बेटी ने नोलखा हार नाचनेवाली को दे दियाI उसने फिर दोहा दोहराया तो राजा के लड़के ने अपना मुकुट उतारकर दे दिया। वाही दोहा दोहराने लगी तो राजा ने कहा बस कर एक दोहा दोहरा कर कितने लोगों को लूट लिया।

जब ये बात राजा के गुरु ने सुनी तो उनकी आँखों में पानी आ गया और कहने लगे, राजा तू इसका अपमान न कर यह मेरी गुरु है। इसने मुझे मत दी है कि मैं सारी उम्र जंगलों में भक्ति करता रहा और आखरी समय में यहाँ नाच देखने आ गया।

राजा की लड़की ने कहा, “ आप मेरी शादी नहीं कर रहे थे , आज मैंने आपके महावत के साथ भागकर अपना जीवन बर्बाद कर लेना था। इसने मुझे सुमति दी है कि कभी तो तेरी शादी होगी क्यूँ अपने पिता को कलंकित करती है।

राजा के लड़के ने कहा, “ आप मुझे राज नहीं दे रहे थे। मैंने आपके सिपाहियों से मिलकर आपका क़त्ल करवा देना था। इसने समझाया है कि आखिर राज तो तुम्हे ही मिलना है, क्यूँ अपने पिता के खून का इलज़ाम अपने सिर लेते हो ?

जब ये बातें राजा ने सुनी तो राजा ने सोचा क्यूँ न मैं अभी राज तिलक कर दूं , गुरु जी भी मौजूद हैं। उसी समय राजा ने राज तिलक कर दिया और बेटी को भी कहा कि मैं जल्द ही तुम्हारी शादी कर दूंगा।

नाचने वाली ने सोचा कि मेरे दो लाइनों के दोहे ने इतने लोगों को सुधार दिया तो मुझे भी अब यह काम छोड़ देना चाहिए और प्रभु सिमरन में लग जाना चाहिए।

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ये भी सुनें https://www.youtube.com/watch?v=c4AWGs2tOR4

Written by Geetanjli Dua