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माँ का World Tour|Emotional Story of Mother in Hindi

Hindi Story of Mother’s Life

Hindi Story of Mother's Life
Hindi Story of Mother's Life

श्वेता की मम्मी बहुत ही घरेलु किस्म की औरत थीI उनके पति यानी वर्मा जी डॉक्टर थे, श्वेता का छोटा भाई बहुत ही नटखट पर बहुत ही समझदार लड़का थाI श्वेता भी बहुत शरीफ थी और वर्मा जी का अपने बच्चों पर पूरा control थाI बच्चे भी वर्मा जी के decisions की respect करते थे, Mr. and Mrs. वर्मा ने एक बार जो बोल दिया तो उनके बच्चे उनकी कोई बात नहीं टालते थे फिर चाहे वो हरी सब्जी खाना हो, बड़ों का सम्मान करना हो या फिर कुछ और…

श्वेता पढाई में बहुत होशियार थी और साथ ही साथ अपने भाई को भी पढ़ाती थी, स्कूल में भी कभी किसी से फ़ालतू बात नहीं बस एक अच्छे बच्चे की तरह स्कूल से घर और शाम में माँ का हाथ बंटाती थीI श्वेता कभी कुछ फ़ालतू खर्चा भी नहीं करती थी जबकि उसकी सारी सहेलियां हफ्ते में कम से कम एक बार तो पॉकेट money लाती थी और खर्चा किया करती थी, पर श्वेता का यदि कुछ ख़ास खाने का मन होता तो वो अपनी माँ से ब्रेड रोल बनाने की फरमाइश किया करती थीI

श्वेता की तरह उसका भाई राघव भी बहुत समझदार था, वो भी अपने घर की financial सिचुएशन से वाकिफ था और कुछ भी फ़ालतू खर्चा नहीं करता था साथ ही साथ वो tutions लेता तह ताकि किसी तरह अपने पापा की हेल्प कर सकेIएक दिन श्वेता के स्कूल से trip जा रहा था और उसका बहुत मन था उस trip पर जाने का पर वर्मा जी ने साफ़ इनकार कर दिया था trip पर जाने के लिए और जब श्वेता ने माँ से बात की तो माँ ने भी कहा कि पापा की इजाज़त के बिना वो कुछ नहीं कर सकतींI

Emotional Story of Mother in Hindi
Emotional Story of Mother in Hindi

धीरे धीरे बच्चे बड़े होने लगे और ज्यादा समझदार भी, श्वेता अब कॉलेज जाने लगी थी और राघव भी tutions ज्यादा लेने लगा थाIकॉलेज में सब कहीं न कहीं घूमने की बातें किया करते थे लेकिन श्वेता हमेशा जाने से मना कर देती थी क्यूंकि उसको पता था कि पापा ने उसको नहीं भेजनाIउसकी सहेली अनु इस बात पर बहुत चिढती थी क्यूंकि जब भी कहीं का plan बनाते थे वो श्वेता की वजह से chaupat हो जाता था क्यूंकि वो श्वेता की ख़ास दोस्त थी और वो उसको अकेला छोड़ कर नहीं जा सकती थीI

श्वेता की सहेली की शादी दिल्ली में थी और उसकी सारी सहेलियां शादी में शरीक होने जा रहीं थीं यहाँ तक की अनु भी पर श्वेता को घर से रजामंदी नहीं मिली और माँ ने बोला कि अब जहाँ भी घूमने जाना हो अपने पति के साथ जाना, ये सुनकर श्वेता अपना मन मसोस कर रह गयीIश्वेता की शादी हुई और इत्तेफाक से श्वेता के पति को घूमने फिरने का बहुत शौंक था, बस श्वेता की तो लौटरी लग गयी और वो कहीं न कहीं घूमती रहती थीI

Hindi Story of Mother
Hindi Story of Mother

राघव भी बड़ा हो गया था और एक अच्छी कंपनी में उसकी नौकरी लग गयी थी, कंपनी की तरफ से उसे देश विदेश घूमने का मौका मिलता रहता थाIकुल मिलाकर दोनों भाई बहन बचपन में जहाँ कहीं घूमने फिरने नहीं जाते थे आज खूब घूम फिर रहे थेIकुछ time बाद Mrs. वर्मा को एक ऐसी बीमारी हो गयी जिसकी वजह से वे बेड पर पढ़ गयीI सारा का सारा pressure Mr. वर्मा पर आ गया क्यूंकि राघव दुसरे शहर में नौकरी करता था वो बार बार नहीं आ सकता था और श्वेता भी दुसरे शहर में रहती थी अपने पति के साथ और घर में एक छोटा बच्चा भी था तो उसके लिए निकल पाना संभव नहीं थाI

Mrs. वर्मा ने रिकवरी की और उठ खड़ी हुई और धीरे धीरे अपना घर संभाल लिया पर डॉक्टर्स ने उन्हें कम travelling और वज़न न उठाने की हिदायत दे दीIएक बार जब श्वेता अपने मायके गयी हुई थी तो उसने माँ से पूछा कि माँ हम कभी vacation पर क्यूँ नहीं गए? तो Mrs. वर्मा बोली तू जाती तो है अमित के साथ vacation पर, अरे नहीं माँ मैं शादी से पहले की बात कर रही हूँI 

Emotional Story of Mother in Hindi
Emotional Story of Mother in Hindi

बेटा पहले तुम जब छोटे थे तो हम financially इतने strong नहीं थे फिर तुम बड़े हुए तो सब बोलते थे कि जवान लड़की को लेकर कहाँ घूमने जाओगे, बस ऐसे ही समय निकल गया पर अब तो तुम दोनों को कोई गिला नहीं है न तू भी घूमती फिरती है और तेरा भाई भी, लेकिन माँ आप? श्वेता के इस सवाल पर Mrs. वर्मा ने उदास मन से कहा बेटा अब तो मैं कहीं नहीं जा सकती और जब सारी ज़िन्दगी नहीं गयी तो अब काहे का vacation, बस तुम सब लोग मिलने आ जाते हो हो जाता है vacation, चल मैं तेरे लिए गाजर का हलवा बनाती हूँ तुझे बहुत पसंद है न, ये कहते हुए माँ तो kitchen में चली गयी लेकिन श्वेता उस रात नहीं सो पायीI

पूरी रात श्वेता यही सोचती रही कि अगर माँ ऐसी तबियत होते हुए भी सबका ख़याल रख सकती हैं तो क्या वो कहीं घूमने नहीं जा सकतीं? Mrs. वर्मा पूरी ज़िन्दगी कभी कहीं नहीं गयीं और अपनी ज़िन्दगी बच्चों की परवरिश में समर्पित कर दी और वहीँ दूसरी औरतें पूरी ज़िन्दगी घूमती फिरती हैं और मौज मस्ती करती हैं, उसी दिन श्वेता ने मन में सोच लिया कि अगर माँ बचपन में उसकी वजह से घूमने फिरने नहीं जा पायीं तो अब वो उन्हें घूमने ले जायेगी आखिर उस समर्पण का फल उन्हें मिलना ही चाहिएI

Hindi Story of Mother
Hindi Story of Mother

श्वेता जब वापिस अपने ससुराल आई तो दो दिन बाद उसने फ़ोन किया और माँ से बोली कि आप और पापा अपनी पैकिंग कर लीजिये मैं और अमित अगले हफ्ते शुक्रवार को आयेंगे और हम सब 15 दिन के लिए World Tour पर जा रहे हैं वो भी आपकी बेटी व बेटे की कमाई से (माँ का दामाद के खर्चे पर न जाने का बहाना भी नहीं चल सका) घूमने जा रहे हैं, sorry आपसे बिना पूछे ये प्रोग्राम बनाया पर यकीं मानिए माँ you really deserveIt!!

Written by Geetanjli Dua