Inspirational Story in Hindi में पढ़ें कैसे आप अपने बारे में एक अच्छा फैसला लेकर अपनी ज़िन्दगी बदल सकते हैं।
आशा को आज विश्वास नहीं हो रहा था अपने कानों पर जब उसने रीति और उमेश को पास वाली नलिनी आंटी से ऐसा कहते सुना ।
आशा को आज विश्वास नहीं हो रहा था अपने कानों पर जब उसने रीति और उमेश को पास वाली नलिनी आंटी से ऐसा कहते सुना । आशा जब पारलर गयी हुई थी तो आज उमेश और रीति जल्दी घर आ गए थे और दोनों के पास ही घर की चाबी नहीं थी , पास वाली नलिनी आंटी ने जब रीति को देखा तो पूछ लिया और दोनों को अपने घर बुला लिया और चाय के साथ खूब सारे स्नैक्स सर्व किये ।
आंटी ये स्नैक्स तो बहुत टेस्टी हैं कहते हुए रीति ने एक और उठा लिया और नलिनी तो उमेश को ऐसे सर्व कर रही थी जैसे वो उसी की पत्नी हो । आशा ये सब देख रही थी और सोच रही थी घर पर तो मेरे लिए इतनी पाबंदी है तेल के इस्तेमाल पर और यहाँ दोनों बाप बेटी खूब मज़े से oily खाना खा रहे हैं और तारीफों के पुल बना रहे हैं।
आशा ने सोचा मैं घर जाकर चाय बनाकर पी लेती हूँ जब ये दोनों टेस्टी खाना खा कर थक जायेंगे तो खुद ही आ जायेंगे। जैसे ही आशा मुड़ी तो वो हैरान रह गयी ये सुन कर कि बहुत ही टेस्टी दही भल्ले हैं भाभी जी, मुद्दत हो गयी ऐसे दही भल्ले खाए !! आशा को तो जैसे करंट सा लग गया और सोचने लगी, घर पर जब भी दही भल्ले बनाने की बात करो तो सबसे पहले उमेश ही कहते हैं छोड़ो oily हो जाएगा, फ्रूट्स खाते हैं और आज नलिनी ने क्या पानी में भल्ले तले हैं ? खैर वो आंसूं पोंछती हुई घर पहुंची तो उसकी सहेली का फ़ोन आ गया , आशा को उखड़ा उखड़ा बात करते देख उसने पूछा तो आशा ने सब बता दिया और बोली किस्मत में नेकी लिखी ही नहीं तो क्या करें ?
शीतल( आशा की सहेली ) ने आशा से कहा कि तू अभी मुझे पास वाली मार्किट में मिल, बहुत मन करने पर आशा मान गयी और फिर से ताला लगा कर चली गयी । शीतल ने आशा को समझाया कि अगर वो लोग तेरी कद्र नहीं करते तो तू भी उन्हें थोडा स्पेस दे ताकि तेरी कीमत उन्हें समझ आ सके और अपने साथ कुछ वक़्त बिता ताकि तुझे भी तेरी कीमत समझ आ सके ।
आशा को कुछ समझ नहीं आ रहा था तो शीतल ने उसे कह कि मैं तुझे सारा प्लान रात को भेज दूँगी और उसके बाद मेरी ट्रीट पक्की , आशा ने हाँ में सर हिलाया और घर चली गयी। रीति और उमेश आते ही उस पर बरस पड़े कहाँ थीं ? पता है कब से उस नलिनी के घर बैठे बोर हो रहे थे , चाबी ही दे जाती। आशा ने कुछ नहीं कहा और रात के खाने की तैयारी करके सर दर्द बताकर अपने कमरे में सोने चली गयी। शीतल ने रात को अपनी और आशा की टिकेट करवा ली थी जयपुर की और दोनों रात में ही निकल गयीं और एक चिट्ठी छोड़ गयी कि मैं दो दिन के लिए कहीं जा रही हूँ , दोनों मैनेज कर लेना, नलिनी आंटी के घर खा लेना ।
रीति और उमेश ने चिट्ठी पढ़ी तो उसकी माँ के घर फ़ोन किया तो आशा वहां भी नहीं थी और उसका फ़ोन भी बंद था , इधर नलिनी की अपने पति से लड़ाई हो रही थी जिसकी आवाज़ उमेश के कानों में पड़ी तो उसने उनसे मदद माँगना नागवार समझा । दोनों ने जैसे तैसे दो दिन काटे और जब आशा वापिस आई तो उसके लिए खाना बना कर रखा, आशा हैरान रह गयी शीतल के प्लान का असर देखकर और घूमने के बाद वो तरोताजा महसूस कर रही थी साथ ही साथ उसने स्टेटस भी डाल दिया था “Love You ज़िन्दगी “!!
कैसी लगी आपको ये पोस्ट Inspirational Story in Hindi
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