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पापा Coconut जैसे होते हैं | Hindi Story on Father

Hindi Story on Father
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गुप्ता जी और शर्मा जी जब भी पार्क में मिलते थे बस एक ही बात करते थे, कैसे अपने बेटों को मेहनत की कीमत समझाई जाए? दोनों के बेटे अच्छे दोस्त तो थे ही और एक ही स्कूल में भी पढ़ते थे। रोहन और साहिल की दोस्ती इतनी गहरी थी कि दोनों पर आलस का रंग भी एक साथ चढ़ रहा था।

एक दिन गुप्ता जी को एक तरकीब सूझी, उन्होंने अपने बेटे रोहन को कहा कि आज तुम्हे खाना तभी मिलेगा अगर तुम कुछ कमा कर लाओगे। रोहन बोला- पापा मैं तो अभी बहुत छोटा हूँ तो मैं कैसे कमाने जा सकता हूँ, अभी तो मेरे आराम करने के दिन हैं।गुप्ता जी ने उसकी एक नहीं सुनी तो वो लाचार होकर अपनी मम्मी के पास गया और बोला मम्मी पापा ने ऐसा कहा है, अब आप ही बताओ मैं कहाँ कमाने जाऊं| रोहन की मम्मी ने उसे एक दस रुपये का सिक्का दिया और कहा जाओ पापा को दिखा देना, रोहन खुश हो गया और अपने पापा के पास गया और वो सिक्का दे दिया।

पापा समझ गए कि कुछ तो बात है तो उन्होंने उस सिक्के को उसके पसंदीदा गमले में गाढ़ने के लिए कहा तो वो तुरंत उस सिक्के को गुलाब के पोधे में गाढ़ कर आ गया। गुप्ता जी ने पत्नी को अपनी तरकीब बतायी और उसकी मदद करने के लिए मन किया तो वो मान गयीं। अब अगले दिन उन्होंने फिर वही किया तो रोहन अपने बड़े भाई के पास गया और सारी बात बतायी, रोहन के भाई ने उसे एक दस का सिक्का दिया जिसे वो ख़ुशी ख़ुशी लेकर पापा के पास आया तो पापा ने फिर से बात दोहराई।

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रोहन गया और उसने गमले में सिक्का गाढ़ दिया, गुप्ता जी समझ गए कि आज उसे किसने मदद की है और उन्होंने अपने बड़े बेटे को भी ऐसा करने से मना कर दिया। अगले दिन फिर वही सिलसिला हुआ तो रोहन को उसकी माँ और भाई ने मदद करने से मना कर दिया, अब रोहन को समझ आ गया कि उसे बाहर निकलना पड़ेगा। बाहर जाकर उसने देखा कि एक जगह बोर्ड लगा हुआ था जिस पर लिखा था कि हेल्पर की ज़रुरत है। रोहन ने वहां जाकर काम माँगा तो उसे काम मिल गया और उसे कुछ बॉक्सेस को एक घर से दुसरे घर शिफ्ट करवाना था, काम ख़त्म होने पर उसे कुछ पैसे भी मिले।रोहन वो पैसे लेकर अपने पापा के पास गया तो वो बहुत थका हुआ दिख रहा था।

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गुप्ता जी ने कहा- बेटा तुम थके हुए लग रहे हो लाओ ये पैसे मैं गमले में गाढ़ आता हूँ तो वो बोला नहीं पापा ये मेरी मेहनत की कमाई है इसे ऐसा नहीं कर सकते। गुप्ता जी ने कहा बेटा मैं जानता हूँ ये तुम्हारी मेहनत की कमाई है और ये सब मैं तुम्हें मेहनत सिखाने के लिए ही कर रहा था।

दूसरी तरफ शर्मा जी ने अपने बेटे को कहा कि अगर तुम अपने दिमाग से कुछ ऐसी तरकीब निकालो जिससे मेरे व्यापार में मुझे कुछ फायदा हो तो ही मैं तुम्हारी कल की स्कूल फीस भरूँगा नहीं तो मैं तुम्हारा स्कूल से नाम कटवा दूंगा और तुम्हे अपने दम पर सब कुछ करना होगा। साहिल को सुनकर हैरानी हुई लेकिन उसने दो दिन तक खूब सोचा और होशियार होने की वजह से उसने जो शर्मा जी को तरकीब बतायी उसके कारण शर्मा जी को अच्छा मुनाफा हुआ। शर्मा जी ने अपने बेटे को समझाया कि अगर वो अपने दिमाग को आलस की वजह से इस्तेमाल नहीं करेगा तो उसमें जंग लग जाएगा और वो कभी जीवन में तरक्की नहीं कर पायेगा।

दोनों पिता ने बाहर से नारियल की तरह सख्त और अन्दर से कोमल मन रख कर अपने बच्चों को जीवन की सीख दी।  

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अगर आप एक बच्चे को कैसे पिता चाहिए, ये जानना चाहते हैं तो सुनें : https://www.youtube.com/watch?v=tGIk0WjgiZk

Written by Geetanjli Dua