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Heart Touching Hindi Story of Parents

Emotional Hindi Story of Parents
Emotional Hindi Story of Parents

Emotional Hindi Story of Parents पढ़ें ।

जब एक working वीमेन अपने छोटे से बच्चे को छोड़ कर जॉब पर जाती है तो यकीं मानिये उस वक़्त का PAIN लेबर PAIN से भी कहीं ज्यादा मुश्किल होता है उस औरत के लिए।

बड़ा मुश्किल था जानवी के लिए पिहू से अपना हाथ छुडवाकर अपने ऑफिस के लिए वापिस मुड़ना और रोती हुई पिहू की आस भरी नज़रों से बच निकलना, पर कोई नहीं समझता ये सब जब एक working वीमेन अपने छोटे से बच्चे को छोड़ कर जॉब पर जाती है तो यकीं मानिये उस वक़्त का PAIN लेबर PAIN से भी कहीं ज्यादा मुश्किल होता है उस औरत के लिए ।

जिस दिन से पिहू पैदा हुई थी 24 घंटे वो जानवी के स्पर्श में थी लेकिन आज अचानक से उसको खुद से दूर कर देना, मनो जैसे किसी जिस्म से जान खींच ली गयी हो, दिल पर पत्थर रख कर जानवी जैसे तैसे ऑफिस

पहुँच गयी ।

शेखर को कॉल किया लेकिन बात नहीं कर पायी गला भर आया और सोचा कि जितनी मैं लाचार हूँ उतने ही वो भी हैं । मौका पाते ही डे केयर में कॉल किया तो पता लगा पिहू बिना कुछ खाए पिए सो गयी है, बस कह रही है mumma के लिए उदास हो रही हूँ, उस वक़्त जानवी के लिए सीट पर बैठना नामुमकिन था और वो तुरंत वाशरूम में गयी और दिल खोल कर रोई और मन मन में पिहू से माफ़ी भी मांगी ।

जैसे ही सीट पर वापिस आकर बैठी, शिखा ने आवाज़ लगायी चल जानवी लंच करें, पर जानवी ने कहा तुम लोग करलो अभी बहुत काम है और सारा ऑफिस धीरे धीरे लंच करने कैंटीन चला गया और जानवी अकेली रह गयी पिहू की तस्वीर देखते हुए, आखिर कैसे निवाला उतरता उसके गले से जब उसकी बछि भूखी थी जिसके आगे पीछे वो सारा दिन घूमती थी और खिलने के जातां करती थी। अभी सोच ही रही थी कि घंटी बजी और कॉल डे केयर से था।

Emotional Hindi Story
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जानवी पिहू उठ गयी है और उसने खाना खा लिया है तुम चिंता मत करना उसकी दोस्ती हो गयी है और वो अब खेल रही है , जानवी ने पिहू की मैडम को दस बार थैंक यू कहा जैसे उसने मरती हुई जानवी की जान बचाई हो।जानवी ने शेखर को फ़ोन किया और बताया कि पिहू वहां एडजस्ट हो गयी है तो दोनों तसल्ली से अपना काम कर पाए ।शाम को जानवी और शेखर ने जब पिहू को पिकप किया तो तीनों पिहू की फेवरेट जगह गए और बहुत सारी बातें की, असल में आज पिहू के साथ साथ उसके मम्मी पापा का भी डे केयर का पहला दिन था तो nervousness तो होनी ही थी।

दोस्तों जो माँ बाप अपने बच्चे को डे केयर में छोड़ते हैं हमें उनकी बातें बनाने की बजाय ये सोचना चाहिए कि कितना मुश्किल होता होगा उनके लिए बच्चे को छोड़कर जाना और वहां काम करना, ऐसे में अगर हम उनका सहारा नहीं बन सकते तो उनकी बातें बनाने का हक भी हम नहीं रखते ।

Emotional Hindi Story of Parents में आपने पढ़ा जानवी के बारे में !

ये भी सुनें https://www.youtube.com/watch?v=ksK2lGZX9ho&t=9s

Written by Geetanjli Dua