Mother Kid Story of Family in Hindi में पढ़ें रूचि की कहानी।
उस दिन रूचि को ये एहसास हुआ कि शायद वो अपने बेटे की पहली girlfreind है जिसे वो बहुत चाहता है और रूचि ने भगवान् का शुक्रिया किया I
रूचि बचपन से ही एक conservative family में पली बढ़ी है जहाँ लड़कियों का लड़कों के साथ बात करना अच्छा नहीं माना जाता, कहीं आउटिंग के लिए लड़कियों को नहीं भेजा जाता, भले ही उसके पापा ने उसे मेडिकल का कोर्स करवाया हो लेकिन कभी भी उसे अकेले बाहर नहीं भेजा चाहे फिर वो मेडिकल कांफ्रेंस ही क्यूँ न हो, उसको सिटी से बाहर जाने की परमिशन नहीं थी I
रूचि भी बहुत ही शर्मीले स्वभाव की और बहुत ही सुलझी हुई लड़की थी उसने कभी भी इस बात के लिए अपने माता पिता से बहस नहीं की क्यूँकि वो समझती थी कि ये शायद उनकी insecurity है आजकल का माहोल देखते हुए जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करती है पर अन्दर ही अन्दर जब वो दूसरी लड़कियों को खुलकर एन्जॉय करते हुए देखती थी तो मन ही मन बहुत उदास होती थी पर संस्कारों की वजह से खुद पर संयम रखना उसे बखूबी आता था I
कॉलेज में उसकी एक सहेली थी शिखा जो उसके इस स्वभाव की कायल थी और वो कहती थी पता नहीं तू कैसे ये सब मैनेज कर लेती है I रूचि ने कभी होश संभालने के बाद अपनी माँ को गले नहीं लगाया था, अपने पिता को गले नहीं लगाया था क्यूँकि उनके परिवार में ये सब मर्यादा के बाहर माना जाता था, ऐसे में रूचि एक बहन को बहुत मिस करती थी I एक बार एक सहेली की शादी में जाने के लिए रूचि ने बहुत जिद की पर उसको इजाज़त नहीं मिली क्यूँकि उसके लिए उसे एक पूरी रात अपने कॉलेज वालों के साथ शहर से बाहर रहना पड़ता जिसके लिए उसे कभी परमिशन नहीं मिल सकती थी I शिखा ने भी न जाने का फैसला लिया, रूचि के समझाने के बावजूद शिखा भी नहीं गयी अपने दोस्त को अकेला छोड़ कर पर उसने कहा कि यार मुझे समझ नहीं आता तेरे ऊपर इतनी पाबंदी क्यूँ है तू समझदार है और अपनी देखभाल खुद कर सकती है, पर रूचि ने कहा कि मुझे इसके लिए कोई शिकायत नहीं है I
रूचि की शादी हुई, शुभम रूचि को बहुत प्यार करता था, उसे बहुत घुमाता था जिसका रूचि को शुरू से ही शौंक था पर वो कभी घर से बाहर नहीं गयी थी I धीरे धीरे रूचि एक बेटे की माँ बन गयी और उसकी लाइफ उसके इर्द गिर्द घूमने लगी पर जैसे जैसे बेटा बड़ा हुआ, रूचि ने महसूस किया कि वो मस्त मौला किस्म का है उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता रूचि के emotions से, वो एक मस्त लाइफ जीता था I रूचि जब दुबारा pregnant हुई तो उसे लगा शायद अब उसे एक बेटी होगी जो उसके emotions को समझेगी और उसके जीवन में जो बहन की कमी थी उसे पूरा करेगी, लेकिन इस बार भी रूचि का बेटा हुआ I
रूचि थोडा मायूस हो गयी क्यूँकि अब उसके जीवन में कभी वो पल नहीं आयेगा कि वो अपनी बहन या बेटी से अपना हाल चाल सांझा कर पायेगी I रूचि ने ये एक्सेप्ट कर लिया था कि लड़के थोड़े मस्त मौला किस्म के होते हैं और ये भी ऐसा ही होगा लेकिन वो बिलकुल उसका उल्टा निकला I वो अपनी माँ को इतना प्यार करता था कि जब उसके नन्हे नन्हे हाथ रूचि का चेहरा अपने हाथों में भर लेते थे तो रूचि की आँखों से आंसू छलक उठते थे, जब उसकी छोटी छोटी बाहें उसके गले का हार बन जाती थी तो रूचि को ऐसा लगता था की शायद भगवान् ने उसके जीवन में एक बहन की कमी पूरी कर दी जो उसको गले लगाकर बोलती हो कि तुम चिंता मत करो मैं हमेशा तुम्हे प्यार करुँगी I
पहली बार जब रूचि का छोटा बेटा स्कूल गया और वहां से रोता हुआ आया तो कारण पूछने पर उसने बताया कि mumma मुझे आपकी बहुत याद आ रही थी , उस दिन रूचि को ये एहसास हुआ कि शायद वो अपने बेटे की पहली girlfreind है जिसे वो बहुत चाहता है और रूचि ने भगवान् का शुक्रिया किया कि जिस प्यार के लिए वो तरसती थी शायद भगवान ने रूप बदलकर वो उसकी झोली में डाल दिया है I
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मोटिवेशनल बातें सुनें https://www.youtube.com/watch?v=LTTg8XCqtss