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ज़िन्दगी Watsapp के Last Seen जैसी है|Hindi Story on Life

Life Story in Hindi

Life Story in Hindi
Life Story in Hindi

ज़िन्दगी में बहुत से  ऐसे पल आते हैं जब हमें ये एहसास होता है कि इस मौके पर हम गलत नहीं हैं बल्कि सामने वाला गलत है, ऐसे में हमें समझदारी से इस सिचुएशन को हैंडल करना चाहिए नाकि सामने वाले पर आरोप प्रत्यारोपण कर के माहोल को और बिगाड़ना चाहिए।

आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे game की जिसका हिस्सा आज हर कोई बनता जा रहा है और इस बात का हमें रत्ती भर एहसास भी नहीं हो रहा।आरोप प्रत्यारोपण एक ऐसा game है जिसमे एक खिलाडी को बड़ी सूझ बूझ के साथ दुसरे पर blame ball फैंकना है और दूसरा खिलाडी भी अगर शातिर है तो वह इसको catch करके वापिस पहले खिलाडी की तरफ फैंक देगा और हाँ अगर कहीं दूसरा खिलाडी चुस्त नहीं है तो उसे इस blame ball को सदैव अपने पास रखना होगा।

क्यूँ दोस्तों, है न बहुतInteresting game जिसका हिस्सेदार आज हर कोई है।ना चाहते हुए भी आज पति पत्नी, बच्चे -parents, भाई बहन , सास बहु, कॉर्पोरेट वर्ल्ड हर कोई इस game में महारथ हासिल करता जा रहा है।पता ही नहीं चलता कब हम ये blame game खेलते खेलते इसमें विनर हो जाते है और फर्स्ट आने की होड़ में race जीतकर ribbon टच करने की चाह में कब रिश्तों की डोरी पीछे छोड़ देते हैं सच में पता ही नहीं चलता।

आजकल Social Media नाम का जाल फैला हुआ है जिसमे हम सब बुरी तरह से फंस चुके हैं, इसमें उम्र की कोई सीमा नहीं है।Watsapp आज के ज़माने में बुजुर्गों के लिए बहुत प्रचलित सत्संग है या यु कहें हम सब की दिनचर्या का वो हिस्सा है जिसको भूला या छोड़ा नहीं जा सकता।जिस तरह सुबह उठकर पहले लोग सबसे पहले धरती माँ का आभार व्यक्त करते थे, आज आँख खुलने पर धरती माँ से 2 फीट ऊपर टेबल पर रखे फ़ोन के दर्शन करते हैं कि कौन माई का लाल है जो मुझसे पहले उठ गया है और कौन है जो रात को मेरे बाद सोया है।अब भाई किसी के घर जाकर तो पूछ नहीं सकते हाल चाल, क्यूंकि time नहीं है न, तो ऐसे में हमारी मदद करता है Watsapp का #Last seen#सब पता चल जाता है कौन कब तक ऑनलाइन था।

सबसे मजेदार बात तो ये है कि जैसे हम दूसरों का लास्ट seen देखने मेंInterested रहते हैं, वैसे ही दुसरे भी तो हमारी खोज खबर रखना चाहते हैं, पर नहीं सबको दूसरों का#last seen# स्टेटस देखना है पर अपना छुपाना है, खुद के लास्ट seen को वो Mr. Gayab कातुषार कपूर बनाना चाहते हैं।जी हाँ बिलकुल उसी तरह जैसे वो दूसरों की गलती जग जाहिर करते हैं और अपनी गलती बेनकाब नहीं होने देते।एक सास को अपनी बहु की गलतियां अपनी सहेलियों, रिश्तेदारों और अपने बेटे के सामने बखान करने में बहुत मज़ा आता है पर क्या कभी वो अपनी गलती इन सब लोगों के सामने स्वीकार कर पाएंगी? एक पति को अपनी पत्नी में तमाम दोष नज़र आते हैं, पर क्या वो अपने बर्ताव को कभी accept कर पायेगा? Corporate world ने तो इस blame game को इतना बढावा दिया है कि लगता है अगर आपको अपनी जगह या कुर्सी बनाए रखनी है तो अपनी गलतियों का टोकरा हमेशा दुसरे के सर पर डाल दो।अब तो ऐसा लगने लगा है कि शायद कहीं नौकरी करने से पहले blame game कैसे जीता जाए की क्लासेज अटेंड करनी चाहिए तभी हम किसी भी नौकरी के eligible कैंडिडेट बन पायेंगे।

जिस तरह हम Watsapp का अपना #last seen# छुपाना चाहते हैं उसी तरह हमें दूसरों की भी भावनाओं की कद्र करनी चाहिए और हम क्या सोचते हैं वो छुपा लेना चाहिए क्योंकि वो हम केवल सोचते हैं सो सकता है वैसा न हो। कहीं न कहीं इस race में तो हम जीत जायेंगे पर जो रिश्तों की नाज़ुक डोर हमारे हाटों से छूट जाएगी या उसमे गाँठ पड़ जायेगी वो कभी ठीक नहीं हो पाएगी।

रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाए“

टूटे पे फिर न जुड़े , जुड़े तो गाँठ पड़ जाए

Written by Geetanjli Dua