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45 से मौत तक का सफ़र|Couple Story in Hindi

Family Story in Hindi

Family Story in Hindi
Family Story in Hindi

जीवन की गाड़ी आगे बढ़ने लगी है और माथुर जी अपनी पत्नी के साथ हर पल को एंजॉय कर रहे हैं। जी हां 45 साल के हो चुके हैं वे दोनों, कम उम्र में शादी हो जाने से जिम्मेदारियों का बोझ दोनों के कंधों पर आ गया था। Mrs. माथुर (शारदा) जब 10 साल की थी तो मां के गुजर जाने पर सारे परिवार की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी। आखिर अपने परिवार की सबसे बड़ी बेटी थी वह, छोटे भाई बहन की परवरिश उन्होंने एक मां की तरह की थी, कभी उन्हें यह महसूस नहीं होने दिया कि उनके सर पर मां का साया अब नहीं है।

पिताजी ने कभी बेटी को बेटों से कम नहीं समझा था, उन्होंने बिटिया को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित किया और पढ़ाया। घर की जिम्मेदारियां निभाते हुए शारदा जी ने पढ़ाई भी जारी रखी। जब वह 19 साल की हुई तो मिस्टर माथुर (अनिल) के घर से उनके लिए रिश्ता आया, अच्छा परिवार होने की वजह से शारदा के पिताजी रिश्ता ठुकरा नहीं पाए और हां कर दी। मिस्टर माथुर का परिवार बहुत अच्छा था और उन्होंने शारदा को दिल से अपनाया। परिवार की बड़ी बहू होने की वजह से शारदा जी ने भी कोई कसर नहीं छोड़ी।

धीरे-धीरे जीवन की गाड़ी आगे बढ़ने लगी,  बच्चे हुए, वह बड़े हुए और आज पति-पत्नी दोनों 45 के पड़ाव पर आ पहुंचे हैं। आज मिस्टर एंड मिसेस माथुर की 25वीं सालगिरह है। उनके बहुत अच्छा अरेंजमेंट किया और सारे रिश्तेदारों को बुलाया, सब ने बहुत आशीर्वाद दिया, पर कुछ लोगों से दूसरों की खुशी देखी नहीं जाती। असल में उन्हें दूसरों की खुशी से परेज होता है। जैसे दूसरों की खुशी के लिए वह महसूस करते हैं कि “We are on Diet“. वह लोग एक कोने में खड़े बातें बना रहे थे कि आजकल मिस्टर माथुर एंड मिसेस माथुर बहुत खुश रहते हैं और जवानी जैसा जीवन व्यतीत करते हैं, हर महीने घूमने जाते हैं। आखिर उन्हें अपनी उम्र का तो ख्याल करना चाहिए।

Couple Story in Hindi
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माथुर जवानी के दिनों में बच्चों के लिए बेइंतहा स्ट्रगल करने में लगे होते हैं? जब कम उम्र में शादी होने की वजह से वह लोग ना अपना बचपन, ना जवानी, और ना ही  दो पल  एक दूसरे के साथ अकेले बिता पाते हैं तो क्या उन्हें जीवन जीने का हक नहीं?  परिवार की जिम्मेदारियों और दबाव की वजह से शादी होते ही बच्चे हो जाना क्या इस बात का सबूत नहीं है कि उन्होंने अपनी उम्र का अपने “Romantic Time“ का बलिदान दिया है, फिर उस समय यह “so called society“ वह प्रश्न करना क्यों भूल जाती है कि इन्हें अपनी उम्र का ख्याल तो रखना चाहिए?

मेरे हिसाब से मां-बाप के फैसले के विरुद्ध जाकर शादी 30 की उम्र में करनी चाहिए ताकि अपना teenage enjoy किया जा सके और बच्चे 32 की उम्र में ताकि अपना romantic time इंजॉय किया जा सके, शायद उन लोगों को ही यह सोसाइटी सुकून से जीने का हक देगी, पर ऐसा बिल्कुल नहीं है। यह सोसाइटी उन्हें “बिगड़ी औलाद“ का ताज पहना देगी, आखिर सब जज की तरह फैसला सुनाने के लिए ही तो होते हैं, तो दोस्तों सोसाइटी की परवाह किए बगैर हमें 45 से मौत तक का सफर अपने मुताबिक जीना चाहिए क्योंकि “कुछ तो लोग कहेंगे लोगों का काम है कहना”

यही वह पल है, जब पति पत्नी असल में एक-दूसरे के लिए कुछ पल निकाल पाते हैं।  बच्चे होने के बाद तो उनकी  फीस,  स्कूल,  टिफिन,  ट्रिप्स  इन सब में ही कब 20 साल निकल जाते हैं पता ही नहीं चलता। जीवन जीने  का असली समय तो 45 के बाद शुरू होता है, जब पति पत्नी एक दूसरे के लिए ज्यादा caring  हो जाते हैं, एक दूसरे की सेहत का ख्याल रखना, दवाइयों का ध्यान रखना, पसंद नापसंद का ख्याल रखना  संभव हो पाता है।

कुछ नियम जो 45 से मौत तक के सफर में follow   करने चाहिए-

  1.  रोजाना अपने साथी के साथ वॉक पर जाएं
  2.  हल्की एक्सरसाइज करें
  3.  अपने आप को अच्छी खेत में रखें और अपनी जरूरतों का ख्याल रखें
  4.  यह समय है money use करने का और उसे इंजॉय करने का,  इसे सिर्फ उनके लिए ना रखें जिन्हें आपके सैक्रिफाइस की वैल्यू नहीं है, afterall hard earned money आप ही की तो है।
  5.  अपने बच्चों और पोते-पोतियों की financial situation के बारे में चिंता करना छोड़ दें और अपने ऊपर पैसा खर्च करने में बुरा महसूस ना करें।
  6.  आपने उनका बहुत समय तक ख्याल रखा, अब अपना ख्याल रखें।
  7.  अपडेटेड रहे, “।n my time“ का राग छोड़ दें, यही आपका समय है “This।s your Time“
  8.  गर्व महसूस करें-  अंदर से और बाहर से।
  9.  रिस्पेक्ट करें यंग जनरेशन की और उनके opinions  की।
  10.  और हां,  Salon, Dentist, Dermatologist की विजिट रेगुलर रखें।  फैशन का ध्यान रखें अपनी उम्र के हिसाब से बन ठन कर रहे हैं और Perfume और Cosmetic का शौक ना छोड़ें।
    “ जी लो ज़िन्दगी क्यूंकि ज़िन्दगी ना मिलेगी दुबारा

Written by Geetanjli Dua